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साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश : 126 वाँ
76 वां गणतंत्र दिवस : अतीत का गौरव एवं भविष्य का शंखनाद
आप सभी को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं….
गणतंत्र दिवस भारत के गौरवशाली लोकतंत्र और सशक्त संविधान का प्रतीक है। यह दिन हमें न केवल अपनी आजादी के संघर्ष को याद दिलाता है बल्कि यह भी सिखाता है कि एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। इस वर्ष, 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर, हमारा भारत विकसित होने की ओर मजबूती से अग्रसर है, और राजस्थान, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ, इस विकास यात्रा का अहम हिस्सा बन रहा है।
भारत का संविधान, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह केवल कानूनों का दस्तावेज नहीं बल्कि हर भारतीय के अधिकारों और कर्तव्यों का संरक्षक है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने यह साबित किया है कि विविधता में एकता ही हमारी असली ताकत है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्शों पर चलते हुए हमारा देश न केवल अपनी आर्थिक ताकत बढ़ा रहा है बल्कि मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बन रहा है।
राजस्थान, जिसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर और वीरता के लिए जाना जाता है, ने आधुनिक विकास की यात्रा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में राज्य ने न केवल अपने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास किया है बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए हैं।
खींवसर में अनवरत विकास की धारा प्रवाहमान है। यहां की सड़कें, सिंचाई परियोजनाएं, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा केंद्र राज्य सरकार की दूरदर्शिता के प्रतीक हैं। यह इस बात का उदाहरण है कि यदि सही दृष्टिकोण और नीति हो तो कोई भी क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे नहीं रह सकता।
गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह आत्ममंथन का भी अवसर है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता के बाद भी हमारी जिम्मेदारी समाप्त नहीं हुई। हमारे संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं लेकिन साथ ही कर्तव्यों का भी बोध कराया है।
आज जब हम एक विकसित भारत के सपने को साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं, यह जरूरी है कि हर नागरिक अपनी भूमिका को समझे। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र का किसान हो, शहरी क्षेत्र का युवा उद्यमी या समाज का कोई अन्य वर्ग, सभी को मिलकर देश की प्रगति में योगदान देना होगा।
76वें गणतंत्र दिवस पर, हमें अपने संकल्प को दोहराना होगा कि हम न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगे बल्कि अपने कर्तव्यों का भी ईमानदारी से पालन करेंगे। हमें यह समझना होगा कि विकास तभी संभव है जब हर वर्ग को समान अवसर मिले।
राजस्थान जैसे राज्य जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, आधुनिक तकनीक और नवाचार के साथ मिलकर विकास का नया अध्याय लिख सकते हैं। यह सामूहिक प्रयास ही हमें ‘सशक्त भारत, समृद्ध भारत’ के सपने को साकार करने में मदद करेगा।
• क्या आप मानते हैं कि हमारा गणतंत्र उत्तरोत्तर मजबूती की ओर अग्रसर है ?
• क्या आपको लगता है कि गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव है या देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति संकल्पबद्ध होने का दिन है?
जय हिंद
हृदय की कलम से
आपका
धनंजय सिंह खींवसर