जब आपके मन में भविष्य की ऐसी तस्वीर हो जो आपमें जूनून पैदा करती हो तो दूसरों की मदद कर पाना कभी कठिन नहीं होता।
मित्रों,
मेरा मानना है कि युवा मस्तिष्क सादे किरमिच (कैनवास) की तरह होता है, वे सभी एक जैसे होते हैं, वे दिशा या देश के कारण से एक दूसरे से भिन्न हो जाते हैं। यदा-कदा हमारे समाज को केवल नए, युवा मस्तिष्क के योगदान की जरूरत पड़ती है ताकि राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्थाएं व निकाय बेहतरीन तरीके से कार्य कर पाएं।
मूल तत्व यह है कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था में इन लोगों का प्रभुत्व है और ऐसे लोगों का नेतृत्व व्याप्त है जिसकी औसत आयु 60 वर्ष के आस पास है। निश्चित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था को संरचनाबद्ध करने में अनुभव और प्रजा की बड़ी भूमि होती है किन्तु राजनीति को नई दिशा और नवीन परिप्रेक्ष्य देने के लिए युवा और उत्कृट व्यक्तियों का प्रवेश भी उतना की महत्वपूर्ण है।
प्रेरणा से हमें नई संभावनाओं का पता चलता है और हम उदासीनता से संभावना की ओर अग्रसर हो पाते हैं जिससे हमारे प्रत्यक्षीकरण को हमारी योग्यता में रूपांतरित करने का अवसर प्राप्त होता है। कभी-कभी इससे हमें धोखा मिल सकता है और हम अपने लक्ष्य की अनदेखी कर सकते हैं और इससे भी बड़ी बात यह है कि हम अपने जीवन में कतिपय आवश्यक चीजों के मामले में सतत और अनुरूप कार्य करने में विफल हो सकते हैं।