रविवार का सदुपयोग – अंश : 121 वाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश : 121 वाँ 
 
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी – मेरे प्रेरणा स्त्रोत
 
जन्म जयंती विशेष – 25 दिसंबर
 
“हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता हूं मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं…!”
 
इन पंक्तियों के माध्यम से अपने जीवन का सार प्रस्तुत करने वाले, भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी न केवल भारतीय राजनीति के ध्रुवतारा थे बल्कि एक महान कवि, कुशल वक्ता और समर्पित राष्ट्रभक्त भी थे। आज, उनके जन्मदिवस पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उनके आदर्शों और विचारों को स्मरण करना हम सबका परम कर्तव्य है।
 
अटल जी का जीवन प्रेरणा का ऐसा स्रोत है, जिससे अनगिनत कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रेरणा ली। उनकी मृदुल वाणी, सुदृढ़ नेतृत्व और निष्ठावान व्यक्तित्व ने राजनीति को मर्यादा का नया आयाम दिया। चाहे पोखरण के ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण का साहसिक निर्णय हो या 23 दलों के गठबंधन को सफलतापूर्वक चलाने की अद्वितीय क्षमता, अटल जी के कार्य हर भारतीय के लिए प्रेरणा के शिखर हैं। उनके इस अद्भुत कौशल के कारण ही उनके जन्म दिवस को हम सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। शासन करने के आधार, मूल्य और प्रतिमान क्या होने चाहिए, यह हम अटल बिहारी वाजपेयी जी से सीख सकते हैं।
 
अटल जी की प्रेरणा से खींवसर में स्थापित अटल भवन न केवल एक भौतिक संरचना है बल्कि यह अटल जी के विचारों और सिद्धांतों का प्रतीक है। यह भवन हमारे आपसी प्रेम, भाईचारे और सामूहिक प्रयासों का जीवंत प्रतिरूप बन चुका है। पिछले एक वर्ष में यह अटल भवन अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों का साक्षी रहा है। यहां अटल जी के आदर्शों पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो उनकी दूरदर्शी सोच और समर्पण को सजीव रखते हैं।
 
अटल भवन केवल एक स्थान नहीं बल्कि एक आंदोलन है। यह वह है जहां अटल जी के विचारों को आत्मसात करके समाज के लिए नीतियां बनाई जाती हैं। उनके “सुशासन” के सिद्धांतों पर चलते हुए, यहां समाज में समरसता और विकास को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
 
अटल जी ने हमें सिखाया कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं बल्कि सेवा का दायित्व है। उन्होंने दिखाया कि सच्चा नेतृत्व वह है जो सभी को साथ लेकर चले। पोखरण का परमाणु परीक्षण हो या लाहौर बस यात्रा, अटल जी ने हर कदम पर भारत को आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य किया।
 
उनके विचारों और आदर्शों को आत्मसात करना आज के समय की आवश्यकता है। राजनीति की बदलती परिभाषा और बढ़ती चुनौतियों के बीच अटल जी का जीवन एक आदर्श मार्गदर्शक है। उनके जैसा धैर्य, दूरदर्शिता और आत्मविश्वास यदि हम अपने जीवन में उतार पाएं तो न केवल हमारी राजनीति बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
 
आओ फिर से दिया जलाएं…
अटल जी के जीवन और उनकी कविताएं हमें हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा देती हैं। आज, उनके जन्मदिवस पर हम सभी को उनके आदर्शों पर चलने और समाज की सेवा के लिए समर्पित रहने का संकल्प लेना चाहिए।
 
अटल जी को नमन करते हुए, मैं खींवसर के अटल भवन के माध्यम से उनके विचारों को आगे बढ़ाने और समाज के लिए निरंतर कार्य करने का संकल्प लेता हूं। अटल जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि जब तक हम अटल रहेंगे तब तक हमारे लक्ष्य निश्चित रूप से पूर्ण होंगे और हम सही मायने में विकास के प्रत्येक स्वरूप को जनकल्याण की कसौटी पर परख पाएंगे।
 
एक बार पुनः युग पुरुष, भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि!!
 
जय हिंद 
 
– क्या आप मानते हैं कि अजातशत्रु के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी आज भी हम सबके लिए प्रेरक एवं मार्गदर्शक हैं?
 
– क्या आप मानते हैं कि राजनीति में सबको साथ लेकर चलने की अटल जी की अवधारणा प्रासंगिक एवं आवश्यक है?
 
जय हिंद
 
हृदय की कलम से
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर