रविवार का सदुपयोग – अंश : 118 वाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश : 118 वाँ 
 
विकासशील “आपणो अग्रणी राजस्थान”
 
द्वेषपूर्ण राजनीति मुक्त और जातिवाद मुक्त राजस्थान
 
राजस्थान, हमारी मातृभूमि, वीरों की भूमि और विविधताओं से भरा राज्य है। अतीत से लेकर वर्तमान तक इस राज्य ने अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और वीरता से देश को गौरवान्वित किया है। लेकिन यह भी सही है कि ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ का सपना तभी साकार हो सकता है जब यह राज्य द्वेषपूर्ण राजनीति और जातिवाद से मुक्त होकर आगे बढ़े। एक ऐसा राजस्थान, जहां हर व्यक्ति को समान अवसर मिले, समाज में भाईचारा हो, और राजनीति का उद्देश्य केवल जनता का कल्याण और विकास हो।
 
आज राजस्थान के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। सरकारें बदलती रहीं लेकिन जनता का विश्वास और उनकी अपेक्षाएं हमेशा स्थायी रहीं। जनता अब केवल उन नीतियों और नेतृत्व का समर्थन करती है जो उन्हें जाति, धर्म और क्षेत्र के बंधनों से ऊपर उठाकर उनके जीवन को बेहतर बनाए।
 
जातिवाद का प्रभाव राजस्थान की राजनीति में एक लंबे समय तक हावी रहा। यहां सत्ता के लिए जातिगत समीकरणों को साधने और तुष्टिकरण की राजनीति का सहारा लिया गया। राजनीतिक दलों ने वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी जिससे समाज का विभाजन और असमानता बढ़ी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जनता ने ऐसे नेताओं और पार्टियों को नकारना शुरू कर दिया है जो द्वेषपूर्ण राजनीति को बढ़ावा देते हैं।
 
“आपणो अग्रणी राजस्थान” का सपना तभी पूरा हो सकता है जब जातिवाद और नफरत की राजनीति को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए। एक ऐसा समाज विकसित करना होगा, जहां हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र के लोग बिना किसी भेदभाव के साथ मिलकर आगे बढ़ें।
 
राजस्थान में विकास की राजनीति को एक नई दिशा देने का श्रेय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जाता है। पार्टी ने हमेशा “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” की नीति को प्राथमिकता दी है। भाजपा ने न केवल जातिवाद को समाप्त करने की दिशा में काम किया है बल्कि राज्य के हर नागरिक को यह विश्वास दिलाया है कि विकास की राजनीति ही राज्य को प्रगति के पथ पर ले जा सकती है।
 
राजस्थान जैसे राज्य में जहां जाति आधारित राजनीति की गहरी जड़ें हैं, भाजपा ने विकास की राजनीति को केंद्र में रखा। पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि हर वर्ग के लोगों को समान अवसर मिले। खींवसर जैसे उपचुनाव इसका सटीक उदाहरण हैं जहां जनता ने जातिगत राजनीति को नकारते हुए विकास के एजेंडे का समर्थन किया।
 
खींवसर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का दृढ़ता से विरोध किया। हमने अपने अभियान में विकास को प्राथमिकता दी और स्थानीय समस्याओं को हल करने का वादा किया। जनता ने जातिवादी मुद्दों के बजाय विकास और समर्पण के आधार पर भाजपा को अपना समर्थन दिया। यह केवल एक चुनावी जीत नहीं थी, बल्कि यह एक संदेश था कि राजस्थान की जनता अब विभाजनकारी राजनीति से आगे बढ़ चुकी है।
 
राजस्थान के लिए एक और बड़ी चुनौती द्वेषपूर्ण राजनीति रही है। राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे को बदनाम करने और समाज में द्वेष पैदा करने की कोशिशें अक्सर देखी गई हैं। इस तरह की राजनीति न केवल समाज को बांटती है, बल्कि राज्य के विकास को भी बाधित करती है।
 
लेकिन भाजपा ने इस प्रकार की नकारात्मक राजनीति को नकारते हुए विकास और सकारात्मकता की राजनीति को प्राथमिकता दी है। पार्टी ने यह साबित किया है कि राजनीति का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं है बल्कि समाज के हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाना है। भाजपा ने राज्य में कई विकास योजनाएं लागू की हैं जो समाज के हर वर्ग को लाभान्वित करती हैं।
 
राजस्थान का विकास केवल तभी संभव है जब राजनीति का ध्यान विकास और जनकल्याण पर केंद्रित हो। भाजपा ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास हो, रोजगार के नए अवसर सृजित हों और हर क्षेत्र में समृद्धि आए।
 
राज्य में जल संकट को कम करने के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना जैसे कदम उठाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है।
 
इन सबके साथ भाजपा ने राजस्थान को जातिवाद और द्वेषपूर्ण राजनीति से मुक्त करने के लिए भी काम किया है। पार्टी ने यह दिखाया है कि विकास और ईमानदारी के आधार पर जनता का समर्थन प्राप्त किया जा सकता है।
 
“आपणो अग्रणी राजस्थान” केवल एक नारा नहीं है, यह राज्य के हर नागरिक का सपना है। एक ऐसा राजस्थान जहां कोई जाति, धर्म, या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव न हो। एक ऐसा राज्य जहां राजनीति केवल विकास के लिए हो न कि सत्ता प्राप्ति के लिए।
 
भविष्य का राजस्थान तभी अग्रणी होगा जब यहां की राजनीति पूरी तरह सकारात्मक हो। द्वेषपूर्ण राजनीति और जातिवाद को समाप्त कर एक ऐसा समाज विकसित करना होगा जहां हर व्यक्ति को समान अवसर मिले। “आपणो अग्रणी राजस्थान” का सपना भाजपा के नेतृत्व में साकार होता दिख रहा है जहां विकास, समानता और समरसता को प्राथमिकता दी जा रही है।
 
राजस्थान का हर नागरिक इस दिशा में अपनी भूमिका निभा सकता है। जाति, धर्म और द्वेषपूर्ण राजनीति से ऊपर उठकर हमें एकजुट होकर काम करना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम विकासशील राजस्थान के निर्माण में अपना योगदान दें।
 
राजस्थान अब विकास, समृद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनेगा। भाजपा की नीतियां और जनता की जागरूकता राज्य को उस ऊंचाई तक ले जाएगी, जहां से “आपणो अग्रणी राजस्थान” का सपना साकार होते हुए देखा जा सके।
 
द्वेष और जातिवाद से मुक्त राजस्थान न केवल एक आदर्श राज्य होगा बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगा। आइए, हम सब मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करें और अपने राजस्थान को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।
 
– क्या आप मानते हैं कि जातिगत राजनीति विकास की दुश्मन है?
 
– क्या आप मानते हैं कि यदि जनता जाति आधारित और द्वेषपूर्ण राजनीति को नकार दे तो सही मायने में विकास की अविरल धारा प्रवाहित हो सकती है?
 
जय हिंद
 
हृदय की कलम से
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर