रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश : 115 वाँ
आपका एक मत खींवसर के विकास का एक नवीन अध्याय लिखेगा
खींवसर का भविष्य, आपके वोट से तय होगा…मतदान करें, खींवसर के भविष्य का निर्माण करें….!
भारतीय लोकतंत्र में मतदान का अधिकार न केवल एक कर्तव्य है बल्कि यह हमारे लिए एक शक्तिशाली साधन भी है जिससे हम अपने जीवन की दिशा और भविष्य को तय कर सकते हैं। एक वोट की शक्ति का अनुमान हम केवल तभी लगा सकते हैं जब हम यह समझ पाएं कि यह अधिकार हमें कितनी मुश्किलों के बाद मिला है और इसके माध्यम से हम अपने राष्ट्र, राज्य और क्षेत्र को एक नई आवाज़ दे सकते हैं। खासकर खींवसर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में जहां पिछले चुनावों में मतदाता की सहभागिता कम रही थी यह बात और भी ज्यादा अहमियत रखती है।
हमारे लोकतंत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कितनी जिम्मेदारी से अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। चुनावी प्रक्रिया में हर व्यक्ति का वोट इतना महत्वपूर्ण होता है कि वह किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का फैसला कर सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने कर्तव्य को समझें। आज जब हम खींवसर में चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं तो यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम इस क्षेत्र के विकास के लिए सही दिशा में वोट करें।
भारतीय लोकतंत्र में मतदान यह सुनिश्चित करता है कि हम अपने नेता को खुद चुनते हैं जो हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए उचित नीतियां निर्मित व क्रियान्वित करेगा। लोकतंत्र में हर नागरिक को यह शक्ति प्राप्त है कि वह अपने नेता का चुनाव कर सके और यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता और प्राणशक्ति है। लेकिन जब यह अधिकार सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाता तो इसका असर हमारे समाज पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है।
यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे एक वोट से चुनाव के परिणाम बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए पिछले चुनावों में अगर खींवसर में कुछ हजार वोटों का अंतर न होता तो स्थिति बिल्कुल अलग हो सकती थी। अगर हम मतदान में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेते तो हम अपने ही भविष्य को प्रभावित कर रहे होते हैं। यही कारण है कि चुनावी प्रक्रिया में हमारी भागीदारी जरूरी है ताकि हमारी आवाज सशक्त हो सके और हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए सही नेतृत्व चुन सकें।
भारत में मतदान का इतिहास एक लंबी यात्रा की कहानी है। 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान ने हर भारतीय नागरिक को 21 वर्ष की आयु के बाद मतदान का अधिकार दिया। पहले इस अधिकार को केवल एक सीमित वर्ग तक ही सीमित रखा गया था लेकिन भारतीय लोकतंत्र ने इसे हर नागरिक तक पहुंचाया। यह कदम भारतीय समाज को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था।
1950 में जब भारत के संविधान ने मताधिकार की प्रक्रिया को लागू किया तो यह केवल एक राजनीतिक अधिकार नहीं था बल्कि यह हर भारतीय नागरिक को समान रूप से भागीदार बनाने का एक तरीका था। इसके बाद, भारत ने चुनावों की कई प्रक्रियाएँ अपनाई जिनसे यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक नागरिक अपने देश की सरकार में अपनी भागीदारी दर्ज करवा सके। संविधान संशोधन के बाद मताधिकार की आयु 18 वर्ष कर दी गई और आज पागल और दिवालिया को छोड़कर कोई भी वयस्क अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकता है।
आज हम जिस लोकतंत्र का हिस्सा हैं वह हमारे पूर्वजों की कड़ी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है। यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है कि इसमें हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाती है और यह तभी संभव है जब हर नागरिक इस अधिकार का उपयोग करे।
खींवसर उपचुनाव केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है बल्कि यह खींवसर के भविष्य का निर्धारण करेगा। जब हम वोट करते हैं तो हम केवल एक नेता का चयन नहीं करते, बल्कि हम यह तय करते हैं कि हमारे क्षेत्र का विकास कैसे होगा। एक मजबूत और विकास के प्रति प्रतिबद्ध सरकार की जरूरत है और इसके लिए यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर मतदान करें और सही उम्मीदवार को चुनें। आज माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार समूचे प्रदेश के विकास के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है। खींवसर में भी एक से बढ़कर एक कार्य विकास की दिशा में हुए हैं, जिनका जिक्र मैंने अपने पिछले ब्लॉग में किया था। यदि इन विकास कार्यों को और भी गति प्रदान करनी है तो यह बहुत जरूरी है कि भाजपा प्रत्याशी श्री रेवत राम जी डांगा को क्षेत्र की देवतुल्य जनता द्वारा भारी बहुमत से विजयी बनाया जाए।
हमारा देश और राज्य तभी विकास की ओर बढ़ सकते हैं, जब केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रतिनिधि मिलकर काम करें। यह त्रिस्तरीय व्यवस्था ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार कहलाती है जो खींवसर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में ऐतिहासिक व उल्लेखनीय विकास कार्य किए हैं और अब खींवसर में भी निश्चित रूप से ऐसा ही होगा।
जब हम खींवसर में मतदान करने के बारे में सोचते हैं तो हमें यह याद रखना चाहिए कि हम अपने क्षेत्र के लिए एक मजबूत और सक्षम नेता चुनने के लिए वोट कर रहे हैं। यही कारण है कि यह जरूरी है कि हम अपनी जिम्मेदारी समझें और अधिक से अधिक संख्या में मतदान में भाग लें।
लोकतंत्र की सच्ची ताकत उसकी जनता में है। जनभागीदारी लोकतंत्र को मजबूत बनाती है और जब हम मतदान में भाग लेते हैं तो हम इस लोकतंत्र को और भी सशक्त बनाते हैं। अगर हम मतदान की प्रक्रिया से बाहर रहते हैं तो हम न केवल अपनी आवाज को दबाते हैं बल्कि अपने भविष्य को भी दूसरों के हवाले कर देते हैं।
जरा सोचिए, यदि हम किसी चुनाव में मतदान नहीं करते तो वह कैसे हमारे और हमारे बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। एक चुनाव का परिणाम केवल एक कार्यकाल के लिए नहीं होता बल्कि वह पूरे क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए एक दिशा तय करता है। इसलिए, इस बार हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और खींवसर के विकास के लिए सही उम्मीदवार का चयन करना चाहिए।
हमारे क्षेत्र के विकास की दिशा तय करने के लिए रेवंत राम जी डांगा जैसे मजबूत और सक्षम नेता की आवश्यकता है जो खींवसर के हर नागरिक के हित में काम करने के प्रति संकल्पबद्ध है। श्री डांगा जी ने हमेशा अपने क्षेत्र की सेवा की है और खींवसर के विकास के लिए उनके पास एक स्पष्ट दृष्टि है। उनका नेतृत्व खींवसर को उन समस्याओं से उबार सकता है जो यहां के लोगों के लिए चुनौती बन चुकी हैं।
अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर अपने वोट का सही उपयोग करें और खींवसर के चहुँमुखी विकास को एक नई दिशा दें। इसलिए मैं आपसे विनम्रतापूर्वक करबद्ध अपील करता हूं कि आप मतदान में सक्रिय रूप से भाग लें और कमल के बटन को दबाकर खींवसर के विकास की ओर मजबूत कदम बढ़ाएं।
– क्या आप मानते हैं कि ‘हमारे एक मत से क्या फर्क पड़ेगा?’ यह सोच लोकतंत्र के विकास में सबसे बड़ी बाधा है?
– क्या आप मानते हैं कि झूठे और खोखले वादों और दावों के अंत का अब समय आ चुका है और अब खींवसर में भारतीय जनता पार्टी के श्री रेवंत राम जी डांगा भारी बहुमत से विजयी होंगे।
जय हिंद
हृदय की कलम से
आपका
धनंजय सिंह खींवसर