रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश – 101 वां
“राम आश्रय वार्ड” राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग की संवेदनशील और वृद्धजनों को समर्पित योजना
बुजुर्गों के आशीर्वाद से फलीभूत होता है जीवन : आइए इनका संबल बनें
बुजुर्ग हमारे परिवार के वटवृक्ष के समान होते हैं , जिनकी छांव में पूरा परिवार ने केवल फलीभूत होता है, बल्कि अपने आप को सुरक्षित भी महसूस करता है। ऐसे में इन वटवृक्ष रूपी बुजुर्गों का सम्मान करना हम सभी का प्रथम दायित्व है और इसी भावना के साथ राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग की ओर से एक अनूठा नवाचार किया है और प्रदेश के 49 जिला चिकित्सालयों में “राम आश्रय” वार्ड की स्थापना की गई है। यह “राम आश्रय” वार्ड न केवल चिकित्सा सुविधा के लिए बनाए गए हैं, बल्कि यहां आने वाले बुजुर्गों की चिकित्सा विभाग के कर्मचारी संतान की तरह सेवा और सुश्रुषा करेंगे, उन्हें परिवार के ही सदस्यों की भांति प्यार और सम्मान देंगे।
मातृ देवो भवः,
पितृ देवो भवः।
इस पंक्ति को उच्चारित करते हुए हमारा शीष श्रद्धा से झुक जाता है और सीना गर्व से तन जाता है। यह पंक्ति सच भी है जिस प्रकार ईश्वर अदृश्य रहकर हमारे माता पिता की भूमिका निभाता है, उसी प्रकार माता पिता हमारे लिए साक्षात ईश्वर हैं। इसीलिए तो भगवान गणेश ने ब्रह्माण्ड की परिक्रमा करने की बजाय अपने माता पिता शिव- पार्वती की परिक्रमा करके प्रथम पूज्य होने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अपनी 100 दिवसीय कार्य योजना को क्रियान्वयन करते हुए जिला चिकित्सालय में रामाश्रय वार्ड स्थापित करने का निर्णय लिया जो वास्तव में पूरे देश के समक्ष एक नया व अनुकरणीय उदाहरण है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल जी शर्मा एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह जी खींवसर ने मानवीय पहल की एवं प्रदेश के 49 जिला चिकित्सालयों में रामाश्रय वार्ड की स्थापना की। प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से प्रदेश के सभी राजकीय जिला अस्पतालों में जीरियाट्रिक वार्ड शुरू करने का निर्णय लिया गया। 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत इस पहल को प्राथमिकता दी गई और अल्प समय में ही 49 जिला अस्पतालों में ‘रामाश्रय‘ तैयार कर क्रियाशील कर दिए गए हैं।
इन ‘राम आश्रयों’ में वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। इन वार्डों में 10 फाउलर बैड होंगे। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर परदे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रैक्शन, पैल्विक ट्रैक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल करके वार्ड में व्हील चेयर, ट्रोली, मेडिसिन कैबिनेट एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।
प्रत्येक वार्ड का एक नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन संभालेगा। इसके साथ ही वार्ड में रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध होंगी। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र किए जाएंगे तथा रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जाएगी। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है।
इतना ही नहीं राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक की व्यस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे़ और आसानी से उपचार मिल सके।
निश्चित रूप से राज्य सरकार का यह प्रयास सराहनीय है और इस योजना से न केवल बुजुर्गों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी, बल्कि उनके मन में भी यह विश्वास भी जागृत होगा कि किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में उनकी सार संभाल करने वाला कोई अपना मौजूद है ।
1. क्या आप मानते हैं कि राज्य सरकार ने “रामाश्रम वार्ड” योजना प्रदेश के वृद्धजनों को समर्पित एक बड़ी योजना है?
2. क्या “रामाश्रम वार्ड ” योजना आपके क्या विचार है?
जय हिंद
हृदय की कलम से।
आपका
धनंजय सिंह खींवसर