रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश- सत्तानवेवाँ
संगठित रहने में ही शक्ति है..!
यदि हम संगठित है तो राष्ट्र मजबूत रहेगा अन्यथा भारत को खंडित करने वाली ताकतें हावी होती रहेगी। भारत को जाति, वर्ग आदि के नाम पर खंडित करने वाली ताकतें अपने निजी स्वार्थ के लिए आज गांव से लेकर शहर तक देश को बांटने का प्रयास कर रही है जिससे देश कमजोर हो रहा है। देश को मजबूत रखने हमें संगठित होकर रहना होगा।
देश को अलग-अलग आधार पर बांटने के इस प्रयास से प्रदेश की राजनीति भी अछूती नहीं है। त्याग, प्रेम और वीरता की धरती राजस्थान के भी कई क्षेत्रों में आज कुछ राजनेता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए लोगों को जाति, धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश को जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय के आधार पर बांटने वाली ऐसी ताकते धीरे-धीरे राजनीति के लिए नासूर बन चुकी है और अब ऐसी सोच वाले राजनेता और राजनीतिक पार्टियों को को सबक सिखाने का समय है। आजादी के इस अमृत काल में हम सभी पर राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को एक एवं अखंड बनाने की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है।
संघे शक्ति कलियुगे “त्रैतायां मंत्र शक्तिश्च, ज्ञान शक्ति कृते युगे, द्वापरे युद्ध शक्तिश्च, संधै शक्ति कलियुगे।
अर्थात
सत्ययुग में ज्ञान शक्ति, त्रेता में मन्त्र शक्ति तथा द्वापर में युद्ध शक्ति का बल था। किन्तु कलियुग में संगठन की शक्ति ही प्रधान है।
निश्चित रूप से ये पंक्तियां आज एकदम सटीक बैठती हैं। वर्तमान में जिस तरह से देश की परिस्थितियां नजर आ रही हैं, उन हालातों में यदि हम संगठित नहीं होंगे तो हम विकसित राष्ट्र के निर्माण की ओर आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी की 100 वीं वर्षगांठ पर यानि 2047 में विकसित भारत का संकल्प लिया है और यह संकल्प तभी पूरा होगा जब हम “सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास” की संकल्पना के साथ काम करेंगे। आज केंद्र सरकार समाज के हर वर्ग के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। जाति-पाति और धर्म-संप्रदाय से ऊपर उठकर केंद्र सरकार ने ऐसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जिससे करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव हुआ और आज वे सम्मानपूर्वक अपना जीवन यापन कर रहे हैं। विकसित राष्ट्र की जब हम बात करते हैं तो उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम सभी को संगठित रहना सबसे अधिक आवश्यक है। आजादी के 70 साल बाद भी कुछ राजनीतिक पार्टियां और जनप्रतिनिधि समाज को विखंडित करने की तुच्छ राजनीति करने में विश्वास करते है।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी हमने देखा कि विपक्षी पार्टियों ने देश को विभिन्न आधार पर बांटने का प्रयास किया, लेकिन देश की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया और लगातार तीसरी बार देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है।
लोकसभा चुनाव के दौरान इन राजनीतिक पार्टियों ने देश की जनता को गुमराह करने का पूरा प्रयास किया। जातिगत जनगणना के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम किया गया। धर्म, जाति और संप्रदाय के आधार पर अपने वोट बैंक को साधने का काम किया और तुष्टिकरण की सोच के साथ अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का प्रयत्न किया, लेकिन हम सभी ने देखा कि वे अपने निम्न स्तर के प्रयासों में सफल नहीं हो पाए।
आज जब हम आगे बढ़ने की बात करते हैं तो हम एक दूसरे का सहयोग करके ही आगे बढ़ सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा कहते हैं कि इस देश में केवल चार जातियां हैं – किसान, महिला, गरीब और युवा। यदि हमने इन चारों जातियों के उत्थान के लिए काम किया, तो निश्चित रूप से 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा हो सकेगा।
इसके उलट विपक्षी पार्टियां जातिगत आधार पर समाज को बांटकर आपस में जहर घोलने का प्रयास करती हैं। वर्षों तक देश पर राज करने के बावजूद भी इन विपक्षी पार्टियों को सत्ता पाने के लिए देश की जनता को बांटने की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि पिछले 10 सालों में केंद्र में एनडीए सरकार ने देश की जनता के सामने सुशासन का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह अपने आप में अनुकरणीय है। अब जहां विकास के नाम पर राजनीति करने वालों की आवश्यकता है तो वहीं दूसरी तरफ अभी भी ये पार्टियां ” फूट डालो राज करो” की भावना के साथ काम करने में विश्वास करती हैं।
आजादी के इस अमृत काल में हमने जो विकसित भारत का स्वप्न देखा है उसे पूरा करने के लिए हम सभी को संगठित होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यदि हम हर परिस्थिति में एक दूसरे का साथ देंगे, सहयोग करेंगे तो निश्चित रूप से पूरा समाज आगे बढ़ेगा। जब सभी समान रूप से आगे बढ़ेंगे तो हमारा देश ‘विकसित राष्ट्र’ के संकल्प को पूरा करेगा।
|| जय हिंद ||
1. क्या आप मानते है राजनेता अपने निजी स्वार्थ के लिए देश को खंडित करने का प्रयास कर रहें है।
2. क्या आप मानते है जाति की राजनीति देश के लिए अब नासूर बन चुकी है।
हृदय की कलम से
आपका
धनंजय सिंह खींवसर