रविवार का सदुपयोग – अंश - सतहत्तरवां

 

रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश – सतहत्तरवां
 
विश्वगुरु बनने की अपार क्षमता को रखने हमारे भारत देश के लिए विश्व गुरु बनाना क्यों जरूरी है..?
 
आज जब पूरा देश “भारत” के विश्वगुरु बनने की और आशावान नजरों से देख रहा है तब हमें यह भी पता होना चाहिए की हम क्यों विश्व गुरु बनाना जरूरी है और हमारी ऐसी कौनसी क्षमताएं है जो हमारा विश्वगुरु बनने के दावे को मजबूत करता है।
 
2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ जिस तेजी से भारत देश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी कार्य योजना से भारत न केवल विकसित राष्ट्र बनेगा, बल्कि एक बार फिर विश्व गुरु के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा। सदियों तक भारत विश्व गुरु के रूप में अपनी पहचान रखता आया है। यहां की सभ्यता, संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत के कारण पूरा विश्व भारत के प्रति सम्मान की दृष्टि से देखता है, लेकिन अब भारत हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।
 
2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जब देश के प्रथम प्रधानसेवक के रूप में जनसेवा का बीड़ा उठाया था, उस समय भारत देश निराशा के वातावरण से गुजर रहा था। देश आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से झुंझ रहा था, लेकिन उसके बावजूद भी जिस कर्तव्य निष्ठा, दूरदर्शी सोच और दृढ़ संकल्प के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना शुरू किया, उसके परिणाम अब आने लगे हैं।
 
देश में पिछले 10 सालों में रेल तंत्र और सड़क तंत्र का अभूतपूर्व विकास हुआ है। देश में सड़कों का जाल बिछ चुका है। अधिकांश क्षेत्र रेल मार्ग से सीधे जुड़ गए हैं। ऐसे में देश में व्यापार की संभावनाएं बढ़ी है। अब तक विदेशों में अपना व्यापार करने वाले कई बड़े निवेशक अब भारत में निवेश कर रहे हैं और इससे रोजगार के साधन भी विकसित हुए है जिससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है।
 
देशवासियों ने वह समय भी देखा है, जब भारत के राजनयिकों को विदेशों के हवाई अड्डे के बाहर जाने से रोक दिया जाता था लेकिन आज हमारे इस भारत राष्ट्र के राजनयिकों का विश्व भर में एक हृदयात्मक सम्मान और स्वागत होता है। हाल ही में संपन्न हुए जी-20 सम्मेलन में भारत देश में “वसुधैव कुटुंबकम” के नारे के साथ G-20 का सफल आयोजन किया , उसके बाद पूरी दुनिया में भारत की नेतृत्व क्षमता का लोहा माना है। विश्व के सभी प्रमुख बड़े देशों के राजनीतिकों ने इस सम्मेलन में शिरकत की और हर किसी ने भारत देश के आतिथ्य सत्कार की सराहना की।
 
भारत देश ने दुश्मन देश को उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहा है। “बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक” कर भारत ने साबित कर दिया कि यदि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने की हिमाकत करता है तो भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा, न केवल सीमा पर बल्कि सीमा पार जाकर भी अपने दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता है।  
 
कोरोना की भयंकर महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। कोरोना से बचाव का कोई रास्ता नजर नही आ रहा था लेकिन उस समय भारत पूरे विश्व में एक मिसाल बनकर उभरा और वैश्विक नेतृत्व का बीड़ा उठाया। मार्च, 2020 के पहले भारत में मास्क और PPE किट का उत्पादन न के बराबर था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के सभी चिकित्सकों उद्यमियों, वैज्ञानिकों और आमजन को आपदा में अवसर के रूप में लेने का संदेश दिया और इस महामारी से बचाव के लिए हर किसी को साथ मिलकर लड़ने का आव्हान किया। उसी का परिणाम था कि देश में न केवल कोविड की सभी दवाइयां का उत्पादन हुआ, बल्कि देश में कोविड का बेहतर प्रबंधन किया गया साथ ही रिकॉर्ड समय में भारत देश के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने कोरोना की सबसे कारगर वैक्सीन खोज निकाली। देश में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाकर के प्रत्येक नागरिक को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई और भारत ने “वैक्सीन मैत्री” के तहत कई देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई, जिससे वहां के लोगों को भी कोरोना की महामारी से बचाया जा सका। कोरोना काल में भारत ने एलोपैथी और आयुर्वेद में जो प्रगति हासिल की है, वह अपने आप में अद्वितीय थी। 
 
देश की युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और कौशल विकास से जोड़ने के लिए नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है और इससे अब आने वाली पीढ़ी रोजगार लेने के लिए नहीं बल्कि रोजगार उपलब्ध कराने के रूप में जानी जाएगी। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जगह जगह भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान की स्थापना ने देश को महान से महानतम इंजीनियर दिए हैं। आज भारत आज चांद के उस छोर पर भी अपना तिरंगा फहरा चुका है जहां आज तक कोई देश नहीं पहुंचा। दशकों की मेहनत के बाद ISRO के मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ की चांद के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ सफल रही और भारत यह कीर्तिमान रचते हुए चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन गया। 
 
आर्थिक स्तर पर भारत ने पिछले सालों में तीव्र गति से विस्तार की राह पकड़ ली है। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए 2023 का साल बहुत अच्छा रहा इस साल भारत की GDP 3.73 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई, तो प्रति व्यक्ति GDP 2610 डॉलर हो गई, इस साल भारत की अनुमानित विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि दुनिया की औसत विकास दर केवल 2.9 फ़ीसद रही थी। अभी हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे है। ऐसा अनुमान है कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
 
ऊपर दिए गए आंकड़े मात्र भारत के ऐसी कुछ तथ्य है जो प्रमाण है कि भारत की विश्वगुरु बनने की क्षमताएं क्या क्या है और इस क्षमताओं को अपने में समेटे देश को विश्व गुरु बनने से कौन रोक सकता है। इसीलिए भारत का विश्व गुरु बनाना निश्चित गई।
 
|| भारत माता की जय ||
 
1. क्या आप मानते है भारत विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है?
 
2. क्या भारत का विश्वगुरु बनाना जरूरी है?
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर