रविवार का सदुपयोग-अंश- सतरह

रविवार का सदुपयोग 
 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश- सतरह
 
नए साल- नया संकल्प
 
अगले रविवार को जब सूर्य की पहली किरण उदय होगी तब तक नए अंग्रेजी साल का आगाज हो चुका होगा। 
 
यूं तो ” चैत्र शुक्ल की एकम” को भारतीय नववर्ष की शुरुआत होती है, लेकिन अंतराष्ट्रीय प्रचलन के अनुसार एक जनवरी को अंग्रेजी नववर्ष की शुरुआत के साथ कैलेंडर परिवर्तित हो जाता है।
 
इसी कड़ी में आपका अंग्रेजी नया साल नई खुशियों से सराबोर हो ऐसी हार्दिक मंगलकामना है….आने वाला अंग्रजी नववर्ष युवाओं के लिए असीम संभावनाओं से भरा है और इसलिए अंग्रेजी नववर्ष की शुरुआत के साथ ही उन्हें एक नई ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। 
 
यह साल और सदी भारत के युवाओं को समर्पित है भारत अब विश्व गुरु बनने की और है और इसमें सबसे बड़ा योगदान भारत के युवाओं का होने वाला है। आज विश्व में भारत सबसे युवा देश की गिनती में शुमार है और देश के विकास का मॉडल युवा ही तैयार करते हैं। भारत के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं और हर क्षेत्र में युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है। पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक क्षेत्र में भी युवा आगे बढ़कर अपनी क्षमता से कई गुना बेहतर प्रदर्शन भी किया है, लेकिन अभी भी राजनीतिक क्षेत्र में युवाओं के लिए काफी अधिक संभावनाएं हैं और यह समय है जब युवाओं को अपनी राजनीतिक और नेतृत्व की पूर्ण क्षमता का उपयोग कर देश को आगे ले जाने में सहभागिता निभानी चाहिए।
 
युवा तरुणाई जब राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करती है तो उनके लिए जन सेवा के साथ ही राष्ट्र प्रथम (Nation First) की भावना पहला लक्ष्य होना चाहिए। राष्ट्र के बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ राजनीति में आने वाले युवाओं को जो भी जिम्मेदारी दी जाती है वह उसे पूरा करने के प्रति संकल्पित होते है। 
 
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जड़े जमाने के लिए युवाओं के लिए मेहनत के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि उनके सामने अपने ही अनुभवी राजनेताओं की चुनौती होती है, पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा युवाओं को आगे लाने के प्रयास करते हैं और जब भी उन्हें अवसर मिला उन्होंने युवा जनप्रतिनिधियों और राजनेताओं को अवसर दिया है ।
 
उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले नए साल में युवा तरुणाई अपने पूरे दमखम के साथ हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएगी और भारत देश को एक बार फिर विश्व गुरु बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करेगी।  
 
1. क्या आपको भी लगता है कि अब युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सहभागिता बढ़ानी चाहिए ?
 
2. क्या युवाओं को जब अवसर मिलता है तो वह उम्मीद से अधिक बेहतर प्रदर्शन करते हैं ?
 
हृदय की कलम से ! 
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर