रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश- बीसवां
अनुशासन : सफल जीवन का मूल मंत्र
आप सभी को मकर सक्रांति के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
भारत युवाओं का देश है और युवाओं में हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम फहराया है, यही कारण है कि विश्व के अन्य देश भी हमारी ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखते हैं। हमने कई बार सफल व्यक्तियों की जीवनी को पढ़ा और सुना होगा, इन सभी सफल व्यक्तियों के सफलता में एक गुण समान रूप से देखने को मिलता है और वह है “अनुशासन”।
मेरा मानना है “अनुशासन” सफल जीवन के मूल मंत्रों में प्रमुख है। “अनुशासन” वैसे तो एक सामान्य सा शब्द है लेकिन यदि इसे जीवन में उतार लिया जाए तो आपको अपने जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन महसूस होने स्वाभाविक है।
अनुशासन यानी निज पर शासन। नियमों के साथ जीवन जीने की कला अनुशासन की श्रेणी मे आता है। अनुशासन का यह पाठ बचपन में ही पढ़ाया जाता है और जो जीवन आगे बढ़ने के साथ-साथ और अधिक महत्वपूर्ण होता जाता है। अनुशासन की पहला पाठ परिवार और माता-पिता से सीखने को मिलता है, जहां बच्चा अपने आसपास के वातावरण को देख कर जीवन में अनुशासन लाता है।
आज ऐसी कई संगठन है जिन्होंने अपने अनुशासन से देश में नए आयाम स्थापित किए है। ऐसी कई सामाजिक संस्थाएं है जो युवाओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाती है और इन संस्थाओं के अनुयायियों में “अनुशासन” बड़े अच्छे तरह से परिलक्षित होता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, श्री क्षत्रिय युवक संघ जैसी संस्थाओं के अनुशासन ने निश्चित रूप से समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में विद्यमान है। मेरा मानना है इन संस्थाओं के साथ जुड़कर व्यक्ति अनुशासन को आत्मसात करता है।
आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध में कहीं न कहीं अनुशासित जीवन से दूर हो रही है, जो आत्मघाती है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में यदि व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में सफल होना है तो उसे सबसे पहले अनुशासन को न केवल सीखना होगा बल्कि उसे अपने जीवन में उतारना होगा। युवा पीढ़ी भले ही किसी भी क्षेत्र में जाकर अपना कैरियर बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन यदि जीवन में अनुशासन का भाव नहीं होगा तो सफलता का रास्ता काफी मुश्किलों भरा होगा।
1. क्या आप भी मानते हैं कि अनुशासन सफलता का मूल मंत्र है ?
2. क्या आप भी मानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी अनुशासन से दूर हो रही है ?
हृदय की कलम से !
आपका
– धनंजय सिंह खींवसर