रविवार का सदुपयोग – अंश - बयासीसवां

रविवार का सदुपयोग 
 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश – बयासीसवां
 
यह रंगोत्सव है विशेष
पुनः भगवा रंग में रंगेगा पूरा देश
 
हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है होली और लोकतंत्र के महोत्सव के शुरुआत में आए इस रंगोत्सव से हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का भी अवसर मिलेगा। रंगों के महापर्व होली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
 
खुशियों के विभिन्न रंगों से रंगी यह होली आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो , ऐसी प्रार्थना करता हूं। होली का यह रंग आपसी एकता और भाईचारे का संदेश देता है। जिस तरह से होली के दिन सभी रंग आपस में मिल जाते हैं, उसी प्रकार हम सब भी एक दूसरे के प्यार में और भाईचारे के रंग में डूबकर होली का त्यौहार मनाएँ और आगामी दिनों में होने वाले लोकतंत्र के महोत्सव में अपनी भागीदारी निभाते हुए देश में भगवा परचम फहराए।
 
इस बार होली का यह पर्व लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव लोकसभा चुनाव के बीच आया है। पिछले एक दशक में हमने देखा है कि प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए अभिनव प्रयास किए गए हैं। कुछ महीनों पहले हुए प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रदेशवासियों की आशीर्वाद से यहां भगवा परचम फहराया था और होली के इस पावन पर्व पर हम सभी यह संकल्प लें कि आने वाले दिनों में पूरे देश में यह भगवा रंग छाएगा।
 
रंगों का त्योहार होली भारतीय संस्कृति के अनूठे उल्लास को समेटे हुए है। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। होली का त्योहार इसी विविधता में एकता तथा भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं, एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं और छोटे अपने बड़ों से शुभाशीष प्राप्त करते हैं।
 
विविधतापूर्ण संस्कृति वाले भारत देश में हर धर्म-संप्रदाय के त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इनमें आपसी प्रेम तथा सद्भावना की भावना को मजबूत करने वाला होली का पर्व विशेष महत्व रखता है। 
 
होली का त्योहार आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाईचारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं।
 
होली हमारे भीतर के अहंकार और बुराई को मिटाकर सभी के साथ घुल-मिलकर, भाईचारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। हमें इस बात को समझना होगा कि होली मिलजुलकर, प्रेम से रहने और जीवन के रंगों को अपने भीतर आत्मसात करने का त्योहार है। होली का त्योहार हमें हमेशा सन्मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। होली का त्योहार सामाजिक सद्भावना का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता की भावना मजबूत होती है।
 
होली का त्योहार इस बात की तरफ इशारा करता है कि जिस प्रकार होलिका प्रहलाद को लेकर जलती आग में बैठी थी लेकिन उसके बावजूद प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ और आग से ना जलने वाली  होलिका उस आग में भस्म हो गई, वैसे ही अच्छाई की बुराई पर जीत होना निश्चित है।
 
व्यक्ति को हमेशा अच्छाई का साथ निभाना चाहिए। हिरण्यकश्यप अपने घमंड और अहंकार के चलते भगवान को ललकारता है, जिससे उसकी हार होती है। यह बात इस तरफ इशारा करती है कि व्यक्ति को कभी भी घमंड और अहंकार नहीं रखना चाहिए। घमंड और अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण बनते है। 
 
एक बार पुनः सभी देशवासियों को होली की हार्दिक
 
अनंत शुभकामनाएं…….!
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर