रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश-पचासीवाँ
आपका एक मत “विकसित भारत” के निर्माण के नाम
आपका एक मत देश में असामान्य परिवर्तन ला सकता है!
लोकतंत्र के महापर्व में, सक्रिय होकर करें मतदान,
सही सरकार चुनकर ही, होगी राष्ट्र की ऊंची शान।
देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व के लिए 19 अप्रैल को मतदान का पहला चरण शुरू होने वाला है और इस बार आपका एक मत आने वाले 25 वर्षों तक देश की दशा और दिशा तय करने वाला है। यह मत विकसित भारत के निर्माण के लिए होगा, देश के सर्वांगीण विकास के लिए होगा।
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। पक्ष और विपक्ष के सभी योद्धा अपने-अपने अस्त्र और शस्त्र के साथ पूरे दमखम से इस लोकतंत्र के महापर्व में विजयपताका फहराने को आतुर हैं। राजस्थान में 19 अप्रैल को देश में पहले चरण का मतदान होगा तो वहीं 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होने वाला है।
सामान्य रूप से देखा जाए तो प्रत्येक 5 वर्ष के बाद देश की जनता को अपनी सरकार सुनने का अधिकार मिलता है और देश के करोड़ों देशवासी अपनी आशा और आकांक्षाओं पर खरा उतरने वाली सरकार को चुनते हैं। 2014 में हुए आम चुनाव में जिस तरह से देश की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनवाई तब किसी भी भविष्यवक्ता को शायद इस बात का एहसास नहीं था कि इतने बड़े बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी सरकार में आएगी।
2014 के आम चुनाव में देश की जनता को मोदी जी में उम्मीद की एक किरण नजर आई। उस समय के चुनाव में पूरा देश एक नकारात्मक वातावरण से घिरा हुआ था। हालात यह थे कि देश की जनता का अपने नेताओं और लोकतंत्र पर विश्वास खत्म हो चुका था, लेकिन उस समय भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में देश की जनता को एक नया विश्वास मिला और आज परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं। इन 10 वर्षों में जनता की लोकतंत्र के प्रति और राजनेताओं के प्रति न केवल सोच में परिवर्तन आया है, बल्कि विश्वास का रिश्ता मजबूत हुआ है।
आज जब देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरफ देखती है तो उन्हें इस बात का विश्वास होता है कि देश का नेतृत्व मजबूत एवं सशक्त हाथों में है। 2014 और 2019 के आम चुनाव में देश की जनता ने जब अपना मताधिकार का प्रयोग किया तो उस समय भी उन्हें इस बात का विश्वास था कि उनके इस मत से देश में एक मजबूत नेतृत्व की सरकार बनेगी, लेकिन इस बार के यह चुनाव अपने आप में एक अलग संदेश देने वाला होगा।
प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में मजबूती के साथ कदम भी बढ़ाया है। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक की सहभागिता होना आवश्यक है। ऐसे में लोकतंत्र के इस महापर्व में जब आम मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगा तो उसे यह सोचना होगा कि उसका एक-एक मत विकसित भारत के निर्माण के लिए अनमोल है।
भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से आज देश विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि देश में केवल चार जातियां हैं – महिला, गरीब, किसान और युवा। जब तक इन चारों जातियों को समान रूप से अवसर नहीं मिलेगा और उन्हें समाज की मुख्य धारा से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प पूरा नहीं हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अपने निर्णय ले रही है।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 33% आरक्षण का बिल केंद्र सरकार ने पास किया है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए स्टार्टअप, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियान शुरू किए गए। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसान सम्मन निधि लागू की गई। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया और परंपरागत खेती से उन्हें आधुनिक खेती से जोड़ने की दिशा में भी काम किया गया। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले देशवासियों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नि:शुल्क खाद्यान्न योजना, उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही है। 2027 तक सभी बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न देने की भी घोषणा की जा चुकी है।
वहीं दूसरी ओर एक ऐसी विचारधारा है, जिसने हमेशा देश को बांटने का काम किया है। आजादी के बाद धर्म के नाम पर राष्ट्र का बंटवारा किया गया, उसके बाद तुष्टीकरण की राजनीति की गई और अब जातिगत जनगणना के नाम पर देश की एकता को विखंडित करने का काम किया जा रहा है। आज जब देश अनेकता में एकता का संदेश देते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहता है, तब ऐसी विचारधारा के लोग देश को अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर अपनी राजनीतिक रोटियां सीखना चाहते हैं।
आज भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को हराने का एकमात्र उद्देश्य लेकर देश की सभी विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आई है। भले ही इन सभी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग हो लेकिन उद्देश्य केवल और केवल एनडीए सरकार को रोकना है। आज उनके पास ना तो कोई नेता है ना ही नेतृत्व , देश के विकास के लिए कोई कार्य योजना भी नहीं है। ऐसे में देश की जनता को अब यह निर्णय करना पड़ेगा कि उन्हें किस तरह की सरकार को चुनना है।
संविधान में हमें मतदान का सबसे बड़ा अधिकार दिया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता ही सर्वोपरि होती है और हर 5 वर्ष के बाद इन सभी राजनीतिक पार्टियों को जनता के बीच आना पड़ता है। जब मतदान का समय आता है तो कई बार हम यह सोचते हैं कि हमारे एक मत से क्या फर्क पड़ने वाला है, लेकिन देश के प्रत्येक नागरिक का मत बहुमूल्य है। उनके एक मत से देश में असामान्य परिवर्तन लाए जा सकते हैं और पिछले 10 सालों में हमने इसका उदाहरण भी देखा है।
हमने देखा है कि हमारे एक मत के कारण वर्षों से जम्मू कश्मीर पर लगा धारा 370 का कलंक हटाया गया, अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ। महिलाओं को सम्मान देते हुए तीन तलाक की परंपरा को खत्म किया गया। उन्हें सशक्त बनाने के लिए 33% आरक्षण की शुरुआत की गई। पड़ोसी दुश्मन देश को सबक सिखाने के लिए हमारी सेना ने सीमा पार जाकर जिस बहादुरी और शौर्य का परिचय दिया, उसने पूरे विश्व में देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया और यह सभी हमारे एक मत के कारण संभव को सका है।
आने वाले दिनों में एक बार फिर आपको मतदाता के रूप में देश की सरकार को चुनने का अवसर मिलने वाला है। अब निर्णय आपको करना है कि आपको किस विचारधारा से देश को आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी कई चुनावी रैलियां में यह संकेत दिए हैं कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार के जो काम देखे हैं वह तो केवल ट्रेलर मात्र है, अभी तो पूरी पिक्चर बाकी है। उनके केवल इस संदेश से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश को विकसित और मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए उनके पास किस तरह की कार्य योजना तैयार है।
आइए हम सभी यह संकल्प लें कि आने वाले आम चुनाव के दिन हम पूरी मजबूती के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और देश में एक बार फिर मजबूत नेतृत्व की सरकार चुनने में अपनी सहभागिता निभाएंगे।
1. क्या आप भी मानते हैं कि आपके एक मत से विकसित भारत का संकल्प पूरा होने वाला है ?
2. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आपके एक मत से देश में असामान्य परिवर्तन लाए जा सकते हैं ?
हृदय की कलम से।
आपका
धनंजय सिंह खींवसर