रविवार का सदुपयोग – अंश-पचहत्तरवाँ

रविवार का सदुपयोग 
 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश-पचहत्तरवाँ
 
अयोध्या राममंदिर: समृद्धि और विकास की पहचान
 
अयोध्या राम मंदिर – ‘आस्था’ के साथ ‘अर्थव्यवस्था’ का केंद्र है। लगभग 500 वर्षों की लंबी लड़ाई और प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री राम लला अयोध्या धाम में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या जी में देश भर से श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह निश्चित रूप से न केवल अयोध्या के लिए बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश के विकास के नए द्वार खोलने वाला है। प्रभु श्री रामचंद्र जी के प्रति लोगों की आस्था को देखकर निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि राम मंदिर न केवल आस्था का बल्कि अर्थव्यवस्था का भी एक केंद्र बिंदु बन चुका है।
 
विगत 22 जनवरी को जब यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों श्री राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ, तब एक साथ पूरे देश भर में दीपावली मनाई गई। उस दिन हर कोई प्रभु श्री राम के इस भक्तिमय वातावरण में केसरिया रंग में रंगा नजर आया। आज श्री अयोध्या धाम में बना भव्य व दिव्य राम मंदिर विकास की नई गाथा लिखने को तैयार खड़ा है। आने वाले दिनों में हम देखेंगे कि जन-आस्था का ये केंद्र अर्थव्यवस्था का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।
 
श्रीराम मंदिर के पक्ष में कोर्ट का निर्णय आने के बाद से अयोध्या का पूरी तरह से कायाकल्प हो चुका है। मोदी-योगी सरकार द्वारा यहां युद्धस्तर पर विकास कार्य किए गए हैं। यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से संपन्न रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन का निर्माण हुआ है। यहां एक नया एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है, जो एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से देश के कई मुख्य शहरों को श्री अयोध्या धाम से जोड़ता है। यहां कई बड़े-बड़े होटल्स, रेस्टोरेंट आदि का निर्माण हुआ है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए यहां ट्रैवल एजेंसियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आज न केवल भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाला नागरिक बल्कि सात समंदर पार विदेश में बैठा हर भारतवंशी भी एक बार अयोध्या जी आकर प्रभु श्री राम जी के चरणों में अपना शीश झुकाना चाहता है। मंदिर निर्माण के बाद से अयोध्या धाम में निरंतर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के चलते यहां रोजगार के कई नए साधन विकसित हुए हैं, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है। अयोध्या में हुए इस परिवर्तन के बाद आज उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था के लिहाज से अग्रणी पंक्ति में खड़ा होने जा रहा है।
 
आजादी के बाद कई सरकारों ने राम राज्य की स्थापना करने की बात कही लेकिन श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद जिस तरह से इन दिनों अयोध्या समेत पूरे देश में अलौकिक वातावरण नजर आ रहा है, उसको देखकर ऐसा लगता है कि अब हमारा भारत निश्चित रूप से राम राज्य के मार्ग प्रशस्त पर प्रशस्त हो चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अयोध्या में पिछले 13 दिनों में करीब 30 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्री राम लला के दर्शन के लिए अयोध्या आ चुके हैं और अब तक लगभग 13 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा प्रभु के चरणों में अर्पित हो चुका है।
 
श्रीराम मंदिर निर्माण एक ओर जहां करोड़ों हिंदुओं की आस्था की जीत है, वहीं इसके दूसरे पहलू पर नजर डालें तो जिस तरह से निरंतर श्रद्धालुओं का सैलाब राम लला के दर्शनों के लिए उमड़ रहा है, वह अयोध्या समेत पूरे उत्तर प्रदेश के लिए कई सौगातें लेकर आया है। आज अयोध्या में रोजगार के कई नए अवसर विकसित हुए हैं, जिससे लाखों परिवारों को प्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। धर्मनगरी अयोध्या में फूल-माला बेचने वाले, ऑटो-रिक्शा चलाने वाले से लेकर बड़े-बड़े होटल्स और रेस्टोरेंट चलाने वालों के लिए भी एक स्वर्णिम युग की शुरुआत हुई है। राम राज्य में आज हर किसी को अपनी आजीविका चलाने के लिए पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं।
 
राजनीतिक स्वार्थ में डूबकर श्री राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले लोग राम ही नहीं बल्कि देश की सशक्त अर्थव्यवस्था और विकास के भी विरोधी हैं। अयोध्या समेत पूरे उत्तरप्रदेश के आमजनों के दैनिक जीवन स्तर में आए इस बदलाव को देखकर अब वो लोग शायद अब इस बात को भलीभांति समझ चुके होंगे कि प्रभु श्री राम जी का यह भव्य मंदिर केवल आस्था का ही नहीं बल्कि समग्र विकास का भी प्रतीक है।
 
आईए, आज हम सभी साथ मिलकर प्रभु श्रीराम जी के महान आदर्शों पर चलने का संकल्प लें। जिस दिन देश का हर नागरिक श्री राम जी के आदर्शों को आत्मसात कर लेगा, उस दिन सच्चे अर्थों में राम-राज्य की संकल्पना साकार होगी। इन्हीं शब्दों के साथ आज के इस रविवार विशेष ब्लॉग का समापन कर रहा हूं।
 
जय श्री राम 🙏🚩
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर