रविवार का सदुपयोग –अंश-तेत्तीसवाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश-तेत्तीसवाँ 
 
कांग्रेस सरकार की लचर कानून व्यवस्था से वीरभूमि राजस्थान हो रही कलंकित
 
वंदे भारत : बदलते भारतीय रेल की तस्वीर
 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “नए भारत की नई रेल” के संकल्प को परिलक्षित करते हुए गत कुछ महा से भारतीय रेलवे का बदला हुआ स्वरूप हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पिछले 8 वर्षों में रेलवे में क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत की है और अब जमीनी स्तर पर इसका असर भी नजर आने लगा है। हाल ही में वंदे भारत ट्रेन ने न केवल देश का बल्कि पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और भारत में निर्मित “वंदे भारत” ट्रेन पूरे विश्व में अपनी लोकप्रियता बटोर रही है और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मजबूती भी प्रदान कर रही है।
 
वर्तमान में देश में 14 वंदे भारत ट्रेन पटरी पर दौड़ रही है। हाल ही में राजस्थान की पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली कैंट से अजमेर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। देश में यात्रियों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ज्‍यादा से ज्‍यादा रूट पर इसको चलाने की कोशिश में जुटी है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या 31 हो जाएंगी, साथ ही इस साल अगस्‍त तक देश में कुल 75 वंदे भारत ट्रेन चलाना लक्ष्‍य रखा गया है। 
 
वंदे भारत ट्रेन रेलवे में क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत मात्र है। इस ट्रेन की कई ऐसी खूबी है जो उसे अन्य ट्रेनों से अलग करती है। यह स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड और सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेन सेट है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस है। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनी इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर/घंटा है। यह ट्रेन पूरी तरह भारत में डिजाइन और मैन्युफैक्चर की गई है। इनमें जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और हर कोच में चार इमरजेंसी पुश बटन हैं।
 
देश में शुरू की गई अधिकांश वंदे भारत ट्रेन न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक सफर का साधन बनी है बल्कि इसे पर्यटन के क्षेत्र में भी नए बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार में वाराणसी, कटरा, वैष्णो देवी, शिरडी और तीर्थराज पुष्कर जैसे तीर्थ स्थलों के मार्गों पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन कर भारतीय संस्कृति से लोगों को जोड़ने का अनुकरणीय कार्य किया है।
 
शुभ कार्य की शुरुआत तीर्थ स्थल से करते हुए देश की पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से काशी तक चलाई गई और अब आगामी 25 अप्रैल को देश के अंतिम कोने में यह ट्रेन पहुंचने वाली है। केरल के तिरुवंतपुरम में प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
 
निश्चित रूप से वंदे भारत ट्रेन ने रेलवे में भारतीय रेल में एक नए युग की शुरुआत है। अब तक भारतीय रेल के सफर को दोयम दर्जे का सफर माना जाता था लेकिन अब जिस तरह से रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं और स्वदेशी तकनीक के माध्यम से जिस तरह से आधुनिकतम ट्रेन कोच और ट्रेन तैयार हुई है वह निश्चित रूप से सशक्त भारत की निशानी है, केवल ट्रेन नहीं बल्कि प्लेटफार्म पर भी सुविधाओं का विस्तार हुआ है और देश की जनता का भारतीय रेल के प्रति एक नया विश्वास कायम हुआ है।
 
1.क्या आप भी मानते हैं कि वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेल में बदलाव की शुरुआत है ?
 
2. क्या आपको विश्वास है कि आने वाले दिनों में वंदे भारत जैसी कई आधुनिकतम तकनीक की ट्रेन देखने को मिलेगी?
 
हृदय की कलम से ! 
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर