रविवार का सदुपयोग – अंश - छब्बीसवां


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश – छब्बीसवां
 
झूठे वादों की नींव पर खड़ी हुई वर्तमान राजस्थान कांग्रेस सरकार ने हर वर्ग के साथ धोखा किया है।
 
2018 के विधानसभा चुनाव में झूठे वादों के साथ जनता को गुमराह कर सत्ता में आई कांग्रेस ने पिछले 4 सालों में प्रदेश की जनता को ठगने का काम किया है। हालात यह है कि सरकार के इस कार्यकाल में हर वर्ग परेशान और दु:खी है, इतना ही नहीं पूरे 4 साल कांग्रेस के आपसी संघर्ष का खामियाजा भी प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ा है। ऐसे में जब 2013 से 2018 तक भाजपा शासन में प्रदेश में विकास की जो रफ्तार पकड़ी थी वह पूरी तरह से थम चुकी है और विकास के नाम पर प्रदेश विनाश के गर्त में जाता नजर आ रहा है।
 
अंतरकलह की भेंट चढ़ा राजस्थान का विकास 
 
मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत ने कुछ दिन पहले अपना अंतिम बजट प्रस्तुत किया था और बजट की शुरुआत में ही उन्होंने इस वर्ष के बजाय पिछले वर्ष का बजट पढ़ना शुरू कर दिया, शायद उन्हें भी इस बात का एहसास हो गया था कि पिछले बजट की घोषणा भी अभी तक पूरी नहीं हुई है। 2018 विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही कांग्रेस पार्टी में शुरू हुई अंतरकलह अभी तक जारी है। मुख्यमंत्री का नाम तय करने में भी कांग्रेस को लगभग 1 महीने का समय लगा उसके बाद चाहे मंत्रिमंडल विस्तार की बात हो या मंत्रियों को पोर्टफोलियो देने की बात, हर बार कांग्रेस की यह लड़ाई सड़कों पर नजर आई और उसके बाद कई बार अपनी ही पार्टियों के विधायकों से सरकार को बचाने के लिए विधायको को होटलों में बंद रहना पड़ा। पूरा प्रदेश जब कोविड की महामारी को झेल रहा था, उस समय सरकार के मंत्री और विधायक पांच सितारा होटल में अपने राजनीतिक टूरिज्म का आनंद लेते हुए जीवन बिता रहे थे।
 
मातृशक्ति असुरक्षित : महिला अत्याचार सबसे अधिक राजस्थान में
 
जब प्रदेश के प्रमुख मंत्री विधानसभा के पटल पर खड़े होकर महिला अत्याचार पर पूर्णतया शर्मनाक और हास्यास्पद तरीके से जब बोलते है की राजस्थान मर्दों का प्रदेश है इसलिए यहां बलात्कार बढ़ रहें तो प्रदेश के इससे शर्मसार क्षण कोई नहीं हो सकता है। 
 
महिला अत्याचार के क्षेत्र में प्रदेश पहले नंबर पर है। नाबालिग के साथ दुराचार, सामूहिक दुष्कर्म, रेप कर हत्या की घटनाएं सर्वाधिक राजस्थान में हुई है। चैन स्नैचिंग, बैग लिफ्टिंग की घटनाएं आम हो चुकी है और महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है। पिछले बजट में मुख्यमंत्री जी ने प्रत्येक महिला को स्मार्टफोन देने का जो सपना दिखाया था यह बजट घोषणा भी अन्य घोषणाओं की तरह सरकारी फाइलों में ही घूमती नजर आई। 
 
युवाओं के साथ धोखा : पेपर लीक से युवाओं के अरमानों पर पानी फिर रहा है और बेरोजगारी भत्ता नाम का छलावा किया जा चुका है।
 
युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली सरकार अपने इस वादे को भुला चुकी है। आए दिन पेपर हर परीक्षा का पेपर लीक होना सरकार की पहचान बन चुका है। पेपर माफिया बेखौफ होकर लगातार एक के बाद एक पेपर लीक की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते प्रदेश की पुलिस उनके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाई है। 
 
कर्ज माफी : अन्नदाता का सबसे अधिक शोषण इस राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने किया है।
 
कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने सरकार बनने के साथ ही किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन करीब सवा 4 साल के इस कार्यकाल में कई किसानों ने बैंक अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या की है, किसानों की जमीनों को कुर्क किया गया, बिजली विभाग के अधिकारियों ने राजनीतिक द्वेष के साथ के साथ बिजली चोरी की शीट भर पर किसानों को प्रताड़ित करने का काम किया। आज किसानों को ना तो पूरी बिजली मिल रही है ना ही खाद, ऐसे में प्रदेश में किसान सबसे अधिक पीड़ित और परेशान है।
 
चिरंजीवी : जोरों शोरों से प्रचार की जाने वाली सरकार की यह योजना खुद बीमार हैं।
 
चिरंजीवी योजना सरकारी मिलीभगत से जनता के पैसों को लूटने की एक योजना बन चुकी है। मरीजों के इलाज के फर्जी बिल बनाए जाते हैं और उसके बाद अधिकारियों से मिलीभगत कर मोटी रकम उठा ली जाती है, जबकि मरीज को आज भी इलाज के लिए भटकना पड़ता है। सरकार इस योजना का उपयोग सिर्फ अपने व्यक्तिगत प्रचार करने के लिए ले रही है जनता को इससे लाभ मिलना अभी भी कोसो दूर है।
 
यह तो एक बानगी मात्र है, कांग्रेस सरकार की सभी योजनाओं का यही हाल है। बजट भाषण में बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर वाहवाही लूटने वाले मुख्यमंत्री जी प्रदेश को आर्थिक आपात की तरफ धकेल चुके हैं। प्रदेश की वित्तीय हालात पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है।
 
कांग्रेस हमेशा झूठे वादे और दावे के साथ जनता की भावनाओं के साथ खेलने में विश्वास करती है और अपनी विफलता का ठीकरा भाजपा पर फोड़ना उसकी आदत सी बन चुकी है। प्रदेश की जनता ने 2013 से 2018 तक भाजपा का सुशासन भी देखा है और 2018 से 2023 का कांग्रेस का कुशासन भी देखा है। आने वाले दिनों में जब जनता को एक बार फिर अपना निर्णय सुनाने का अवसर मिलेगा तो जनता अपनी वोट की चोट के जरिए कांग्रेस को इसका करारा जवाब देगी।
 
1. क्या आप भी मानते हैं कि कांग्रेस ने झूठे दावों और वादों के साथ सत्ता हासिल की थी ?
 
2. क्या आप मानते है कांग्रेस सरकार की अधिकांश योजनाएं धरातल पर उतरने में विफल रही है?
 
हृदय की कलम से ! 
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर