रविवार का सदुपयोग – अंश-चौरासीवाँ

 
रविवार का सदुपयोग 
 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश-चौरासीवाँ
 
भाजपा स्थापना दिवस (6 अप्रैल)
 
“व्यक्ति से बड़ा दल, दल से बड़ा देश” की विचारधारा पर आधारित भाजपा का 2 से 303 का सफर और अब 400 पार का संकल्प
 
विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा ने कल अपना 45वां स्थापना दिवस बनाया है। राष्ट्रप्रथम भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख धेय है। भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले असंख्य भारतवासियों व करोड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को अपने खून-पसीने से सिंचित किया है। कल हमारी पार्टी ने अपना 45वां स्थापना दिवस मनाया है। दृढ़ संकल्प एवं अदम्य इच्छा शक्ति के बल पर 2 से 300 तक का स्वर्णिम सफर तय करने वाली हमारी पार्टी अबकी बार 400 पार करने का संकल्प पूर्ण करने वाली है। प्रत्येक भारतवासी को पता है देश के विकास को गति देने और भारतवर्ष को एक बार पुनः विश्व का सिरमौर बनने के लिए माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी जैसे सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है और राष्ट्रवाद से ओतप्रोत भाजपा की जरूरत है।
 
6 अप्रैल 1980 में स्थापना के साथ ही शुरू हुआ राष्ट्र निर्माण का संकल्प अनवरत रूप से जारी है और 45 वर्षों की इस यात्रा में आज भारतीय जनता पार्टी देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। 1951 में पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और उसके बाद 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई। पूर्व प्रधानमंत्री मेरे प्रेरणास्त्रोत भारत रत्न श्री अटल बिहारी जी वाजपेयी जी भारतीय जनता पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 
 
आज 44 वर्षों के इस कालखंड में भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में बहुत उतार-चढ़ाव देखा है, लेकिन हमेशा राष्ट्र प्रथम की अवधारणा के साथ भारतीय जनता पार्टी ने काम किया और यही कारण रहा कि आज भारतीय जनता पार्टी न केवल विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है बल्कि कई वर्षों बाद देश को स्थायी और सरकार देने में भी सफल हुई है।
 
1980 में भाजपा की स्थापना के बाद जब पहले लोकसभा के चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी ने महज दो सीट पर विजय हासिल की, लेकिन उस समय भी भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ, कर्मशील, दृढ़ संकल्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पूरा विश्वास था कि जिन उद्देश्यों के साथ पार्टी की स्थापना हुई है, उन उद्देश्यों की निश्चित रूप से प्राप्ति होगी।
 
वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में हम देखते हैं कि अधिकांश पार्टियां परिवारवाद के साथ आगे बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी में एक आम कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी देकर कार्यकर्ताओं के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों के कालखंड में भारतीय जनता पार्टी में ऐसे कई निर्णय लिए जिनसे एक आम कार्यकर्ता के मन में भी विश्वास पैदा हुआ कि वह भी शिखर को छू सकता है क्योंकि यहां परिवार तंत्र नहीं लोकतंत्र को स्वीकार किया गया है।
 
प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने एक आम कार्यकर्ता के रूप में अपने जीवन की शुरुआत की और शायद किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि यह आम कार्यकर्ता एक दिन विश्व के लोकप्रिय चेहरा बन जाएंगे। श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लाल कृष्ण आडवाणी से लेकर वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा तक कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें पार्टी और देश की सेवा करने का अवसर मिला। हाल ही में हमने देखा कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अंतिम छोर पर बैठे कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। जब एक आम कार्यकर्त्ता महत्वपूर्ण पद पर बैठता है तो निश्चित रूप से जन सेवा के संकल्प को पूरा करना उनकी प्राथमिकता होती है। 
 
महज दो लोकसभा सदस्यों से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने वाली भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनाई । वर्तमान में एक बार फिर लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘अबकी बार 400 पार’ का लक्ष्य निर्धारित किया है और कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत और जनता के आशीर्वाद से निश्चित रूप से यह लक्ष्य भी पूरा होगा।
 
भाजपा में अनेक दलों से करोड़ों कार्यकर्ता आकर सम्मिलित हुए हैं, लाखों पदाधिकारी आए, हजारों सांसद व विधायक आये, भाजपा ने अपना वैचारिक आग्रह नहीं छोड़ा। भाजपा ने राम मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा 370 हटाना, समान नागरिक संहिता लागू करना, तुष्टिकरण के विरुद्ध आवाज उठाना, हिंदुत्व, जैसे विषयों पर हमेशा अपना स्पष्ट रुख रखा।
 
भाजपा सदैव भी अपने एकात्म मानववाद, अंत्योदय, राममंदिर, समान नागरिक संहिता और ऐसे अनेक विषयों पर अडिग है। वहीं दूसरी ओर सत्ता प्राप्ति को बैचेन विपक्षी पार्टियां आजकल अपना वैचारिक आधार बनाना ही नहीं चाहते हैं। वो कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर बैठते हैं। वो विचार बदलते हैं, परिवार बदलते हैं, आधार बदलते हैं। सबसे बड़ी बात सत्तासीन होने के लिए यह लोग देश को धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर बांटने में भी पीछे नहीं रहते हैं।
 
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने केंद्र में सरकार बनाने के साथ ही “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” का ध्येय वाक्य दिया था। उसी को आधार मानते हुए भारतीय जनता पार्टी अब आगे बढ़ रही है और यही कारण है कि आज देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।
 
1. क्या आप मानते है की भाजपा कार्यकर्ता आधारित राजनीति दल है?
 
2. क्या आप मानते है भाजपा में “व्यक्ति से बड़ा दल, दल से बड़ा देश” की अवधारणा है?
 
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर