रविवार का सदुपयोग – अंश-उनासीवाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश-उनासीवाँ
 
राजनीति : देश के सामाजिक और आर्थिक सुधार का माध्यम है।
 
“भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति, अर्थनीति और समाजनीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखती है। कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सका है। हम किसी विशेष समुदाय या वर्ग का नहीं बल्कि पूरे देश की सेवा करने का वादा कर रहे हैं।” 
 
प्रखर राष्ट्रचिंतक सच्चे लोकतंत्र के पुरोधा औऱ राजनीति में संस्कृति के अग्रदूत श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय का यह कथन भारतीय जनता पार्टी की राजनीति का मूल सिद्धांत है और आज के परिप्रेक्ष्य यह कहना अनुचित नहीं होगा कि राजनीति देश के सामाजिक और आर्थिक सुधार का माध्यम है और इस सुधार का हिस्सा पंक्ति में खड़ा अंतिम व्यक्ति भी होना चाहिए।
 
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं काफी मजबूत हैं, इसका सबसे मुख्य कारण हमारी राजनीतिक व्यवस्था है। 
 
लोकतंत्र का अर्थ है – जनता के द्वारा, जनता के लिए, जनता के ही हित में चुनी गई सरकार। आजादी के बाद से ही देश की राजनीति में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर चला, लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह से राजनीतिक मूल्यों की अवधारणा बदली है, वह निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी के लिए एक सीख है। 
 
राजनीति में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मुख्य उद्देश्य जनसेवा का होता था, लेकिन समय के बदलाव के साथ लोगों और राजनेताओं की सोच में भी परिवर्तन आया और धीरे-धीरे राजनीति जनता की सेवा के लिए नहीं बल्कि स्वयं एवं परिवार के पोषण का माध्यम बनी। काफी समय तक यह सिलसिला चलता रहा लेकिन 2014 में जब प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के नेतृत्व की कमान संभाली, तब से ही एक बार फिर राजनीति में एक नया बदलाव देखने को मिला है। अब पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं ने जनता को इस बात का एहसास करवाने का प्रयास किया है कि राजनीति देश के सामाजिक और आर्थिक विकास का माध्यम है।
 
2014 में जब केंद्र में लंबे समय बाद स्पष्ट बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तो लोगों को कई उम्मीदें और अपेक्षाएँ थीं निश्चित रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर लोगों की अपेक्षाओं का दबाव था, लेकिन उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया, न केवल प्रधानमंत्री जी ने बल्कि उनके पूरे मंत्रिमंडल और सांसदों ने इस बात का संकल्प लिया कि जिस उद्देश्य के साथ देश की जनता ने उन्हें चुनकर यहां तक पहुंचाया है, उस जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वे अपनी ओर से पूरा प्रयास करेंगे।
 
इन 10 सालों में कई ऐसे निर्णय देखने को मिले, जिन्होंने देश की आम जनता के जीवन स्तर को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात हो, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा जैसे अहम राष्ट्रीय मुद्दे हों या उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश की गरीब जनता के घर तक गैस का चूल्हा पहुंचाने जैसे सामाजिक मुद्दे हों, इनसे जुड़े निर्णयों माध्यम से लोगों की राजनीति के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर घर जल, हर घर बिजली, गरीब को छत, किसान की आय को दुगना करने, महिला सुरक्षा, गरीब कल्याण और सामाजिक व्यवस्था में बदलाव का जो संकल्प लिया था, उन संकल्पों को निश्चित रूप से मजबूती के साथ पूरा किया गया है।
 
किसी भी देश के विकास के लिए उसके इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। इन 10 सालों में देश के सड़क ढांचें में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है। आज देश का एक भी कोना ऐसा नहीं है जो सड़क मार्ग से सीधा नहीं जुड़ा है। भारतमाला जैसे प्रोजेक्ट ने ग्रामीण क्षेत्र की दशा और दिशा को बदल दिया है। रेलवे के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं। वंदे भारत ट्रेन, रेल मार्गों का इलेक्ट्रिफिकेशन, रेलवे की यात्री सुविधाओं का विस्तार, रेलवे स्टेशन की सुविधाओं का विस्तार जिस तेजी के साथ हुआ है, वह वास्तव में अपने आप में एक मिसाल हैं।
 
प्रधानमंत्री जी ने जनधन योजना के तहत जब देश के करोड़ों लोगों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने का कार्य किया,तब शायद किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि उनका यह कदम दूरदर्शी साबित होगा। आज विभिन्न योजनाओं के माध्यम से केंद्र सरकार जरूरतमंद लोगों को सहायता उपलब्ध करवाती है और जनधन योजना के तहत खोले गए इन खातों में लाभार्थियों को सीधी राशि ट्रांसफर की जाती है। इसके कारण लाभार्थियों को पूरी राशि मिलती है और उन्हें इसके लिए कहीं भटकने की आवश्यकता नहीं होती।
 
केंद्र में मोदी जी की सरकार ने पिछले 10 सालों में जो निर्णय लिए है, उसके बाद लोगों की सोच में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है और अब आमजन भी है मानने लगा है कि राजनीति अपना या अपने परिवार की सेवा के लिए नहीं बल्कि आमजन की सेवा का एक सशक्त माध्यम है और यदि राजनीतिक क्षेत्र में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस संकल्प के साथ काम करें तो निश्चित रूप से देशवासियों की जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा सकता है।
 
आपने देखा होगा कि करीब 3 महीने पहले जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो पूरे प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी पर भरोसा करते हुए प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सशक्त सरकार बनाई और उसके बाद से कई ऐसे निर्णय हुए जो केवल राजनीतिक व्यवस्था के कारण काफी समय से लंबित थे। ईआरसीपी का प्रोजेक्ट हो,यमुना जल समझौते की बात हो या युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पेपर माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन की बात हो, सरकार ने मजबूती के साथ इस दिशा में काम किया और अपने संकल्प पत्र को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। जब देश का नेतृत्व एक मजबूत, दूरदर्शी, राष्ट्रभक्त और आम जनता के बीच से निकले व्यक्ति के हाथ में हो तो इस तरह के सकारात्मक बदलाव देखे जाते हैं।
 
1. क्या आप भी मानते हैं की राजनीति देश के सामाजिक और आर्थिक सुधार का माध्यम है? 
 
2. क्या भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार ने इस विषय की सार्थकता को सिद्ध किया है ?
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर