रविवार का सदुपयोग – अंश- उनचासवाँ

 

रविवार का सदुपयोग 
 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश- उनचासवाँ
 
अमृत भारत स्टेशन योजना
– आधुनिक भारत के आधुनिक रेलवे स्टेशन को समर्पित
 
आजादी के इस अमृत महोत्सव को यादगार और ऐतिहासिक बनाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज एक नया इतिहास लिखने जा रहें हैं। आजादी के बाद पहला ऐसा अवसर है कि एक साथ एक ही दिन देश के 508 रेलवे स्टेशनों में सुविधाओं को विस्तार करते हुए आधुनिकतम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों का शुभारंभ किया गया है। भारतीय रेलवे आज आधुनिकीकरण की दिशा में और केंद्र सरकार के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 9 वर्षों में रेलवे के हर क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किया है। सबसे पहले स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से देश के सभी रेलवे स्टेशनों में स्वच्छता के प्रति आमजन में जागरूकता लाने का प्रयास किया गया जिसका नतीजा है कि आज देश के हर रेलवे स्टेशन स्वच्छता के पर्याय बन चुके हैं। इसके बाद ट्रेनों के समय पर संचालित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। रेलवे मार्ग के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के काम को एक मिशन मोड में लेकर पूरा किया गया। 
 
वंदे भारत ट्रेन आज रेलवे के लिए सबसे क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। भले ही यह आम जन को एक ट्रेन की शुरुआत लगे,  लेकिन आजादी के बाद पहली बार भारतीय तकनीक पर आधारित सेमी हाई स्पीड ट्रेन आज सफलतापूर्वक देश की रेल पटरी पर सीना तान कर दौड़ रही है।  अब जिस तरह से रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया गया है वह निश्चित रूप से रेलवे की दशा और दिशा बदलने में सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा। आने वाले वर्षों में रेलवे स्टेशन पर भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं का विकास होगा और न केवल देशवासी बल्कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी रेलवे के इस आमूलचल परिवर्तन का एहसास कर पाएंगे।
 
देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित करने का काम तेजी से किया जा रहा है। यह रेलवे स्टेशन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर को प्रदर्शित करते हैं। इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित होगी। यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉनकोर्स, वेटिंग रूम और रिटेल एरिया विकसित किए गए हैं।
 
भारत सरकार द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के 1309 रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास किया जा रहा है। भारतीय विविधता की भव्यता को प्रदर्शित करते हुए पुनर्विकसित स्टेशन नई अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं तथा मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन से यात्रियों को बेहतर और उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करेंगे।
 
आज माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तर पश्चिम रेलवे के 47 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लगभग 2400 करोड रुपए की लागत से पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास करेंगे।
 
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर जोधपुर में जहां 494 करोड रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास होगा तो वही मरू नगरी जैसलमेर में 140 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन का विकास कार्य किया जा रहा है। इन स्टेशनों पर स्टेशन पर एअरपोर्ट की तर्ज पर आगमन – प्रस्थान प्लाजा, एग्जीक्यूटिव लाउंज, कॉनकोर्स एरिया, लिफ्ट एवं एस्केलेटर, फूड कोर्ट, शॉपिंग मॉल, कैफेटेरिया, प्ले एरिया, ग्रीन बिल्डिंग, नवीनीकरणीय ऊर्जा, कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन, बैगेज स्कैनर, कोच इन्डिकेशन बोर्ड तथा दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं सहित आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
 
अमृत भारत योजना के अन्तर्गत स्टेशनों पर लैंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार टू-व्हीलर फोर व्हीलर और ऑटो रिक्शा के लिए अलग-अलग पार्किंग की सुविधा, यात्री क्षमता के अनुसार पर्याप्त क्षेत्र में प्रवेश हॉल का निर्माण, कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान, वेटिंग रूम, स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक व बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा, स्थानीय लोक कला से निर्माण, नए प्लेटफॉर्म शेल्टर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं बेहतर साइनेज की सुविधा, 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवर ब्रिज जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी।
 
अमृत भारत स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, लोगों को आने जाने में सुविधा होगी, स्वच्छ और आधुनिक रेलवे स्टेशनों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास होगा।
 
1. क्या आप भी मानते हैं कि 2014 के बाद रेलवे के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है?
 
2. क्या आप भी मानते हैं कि आजादी के बाद पहली बार रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार कारगर प्रयास कर रही है?
 
हृदय की कलम से ! 
 
आपका 
 
– धनंजय सिंह खींवसर