रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश-इक्यासीवाँ
CAA – सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट
“मोदी है तो मुमकिन है”
मोदी की गारंटी यानी पूरी होने की गारंटी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार इस कथन को निरंतर सही साबित किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने देश की जनता से किया गया एक और वादा पूरा करते हुए देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया है।
राजनीतिक क्षेत्र में प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने गारंटी शब्द की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है। भारतीय जनता पार्टी का सिद्धांत रहा है कि जो कहा है वह करके दिखाना है और जो करके दिखाना है, वही कहना है। प्रधानमंत्री जी ने 2019 के चुनाव में पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर आए परिवारों से जो वादा किया था उसे पूरा करते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
2014 में जब देश में प्रचंड बहुमत के साथ श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उस समय देश की जनता के सामने राजनीतिक पार्टियों की विश्वसनीयता का सबसे बड़ा संकट था। चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनावी वादे करती थी, लेकिन चुनाव के बाद इन वादों को पूरा नहीं किया जाता था और शायद यह एक परपंरा सी बन चुकी थी, लेकिन जब 2014 में देश की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आशीर्वाद दिया तो उसके बाद उन्होंने पहले ही दिन देश की जनता को यह विश्वास दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले और चुनाव के बाद जो भी वादे किये हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा।
पिछले 10 सालों में जिस तरह से मोदी सरकार की कार्यप्रणाली रही है उसके बाद इन दिनों पूरे देश में सबसे अधिक चर्चा ” मोदी की गारंटी” पर हो रही है। आज आमजन भी यह महसूस करने लगा है कि “मोदी की गारंटी ” यानी “काम पूरी होने की गारंटी”। नागरिकता संशोधन अधिनियम भले ही देश की आम जनता के नागरिकता पर कोई असर नहीं डालेगा लेकिन अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर आए उन हजारों विस्थापितों के लिए यह किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा।
CAA भारत में पड़ोसी राज्यों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए उन सभी अल्पसंख्यकों को सुरक्षित जीवन देने की एक गारंटी है। इन तीन देशों में रहने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया गया है। 2019 में देश के संसद में इसे पारित कर दिया गया था, लेकिन कोविड की विपरीत परिस्थितियों के कारण यह उस समय लागू नहीं हो पाया, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री श्रीमान अमित शाह जी का संकल्प रहा है कि देश की जनता के साथ किया गया हर वादा पूरा होना चाहिए। उसी संकल्पबद्धता के साथ अब पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हुआ है। नए अधिनियम के बाद देश में रहने वाले किसी भी समुदाय वर्ग की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा,लेकिन इसके बावजूद भी कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अपने वोट बैंक को साधने के लिए इस विषय को भी राजनीतिक हथियार बनाने का प्रयास किया। देश की जनता को गुमराह करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए गए। कुछ वर्ग विशेष के लोगों को अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए मोहरा बनाया गया और देश में अराजकता व अस्थिरता का वातावरण पैदा कर इस विधेयक को लागू करने से रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन शायद उन्हें इस बात का आभास नहीं था कि भारतीय जनता पार्टी कोई भी निर्णय अपने राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि देश में रहने वाले 140 करोड़ देशवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और देश के समग्र विकास को ध्यान में रखकर लेती है।
आज हजारों परिवार ऐसे हैं जो अपने ही देश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर सुखी जीवन जीने की उम्मीद के साथ भारत आए थे। भारत आने के बाद उनके सामने सबसे बड़ा संकट अपने अस्तित्व को बचाने का था। वर्षों से इसे लेकर राजनीति तो की जा रही थी लेकिन इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। हमारे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने ऐसे लोगों के पीड़ा को समझा और उन्होंने 2019 के चुनाव में देश की जनता से नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने का वादा किया। कई तरह की चुनौतियां और विपदाओं के बावजूद केंद्र सरकार इस वायदे को पूरा करने की दिशा में काम करती रही और आखिरकार आज उन हजारों परिवारों के चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती है। वर्षों से नागरिकता का इंतजार कर रहे इन परिवारों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने पर आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद ऐसे परिवारों को भारतीय नागरिकता मिलेगी और वे भी इस देश की विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में अपना सक्रिय योगदान दे सकेंगे।
ऐसे विस्थापित परिवारों के लिए नागरिकता का प्रमाण पत्र केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि उनके जीवन का आधार है, जिस पर वे अपनी आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। आज पूरा देश एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आभार व्यक्त करना चाहता है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर हजारों परिवारों के जीवन को बदलने का काम किया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर मोदी जी ने एक बार फिर देश की जनता को यह विश्वास दिलाया है कि “मोदी की गारंटी यानी पूरी होने के गारंटी”
आप जब इस ब्लॉग को पढ़ रहे होंगे तब तक देश में लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। आइए हम सभी मिलकर एक बार फिर देश में मजबूत, सशक्त और पारदर्शी सरकार बनाने के लिए देश हित में मतदान करने का संकल्प ले।
1. क्या आप भी मानते हैं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम हजारों परिवारों के लिए जीवन बदलने का माध्यम बनेगा?
2 . क्या आप भी सहमत हैं कि मोदी की गारंटी यानी पूरी होने की गारंटी ?
हृदय की कलम से।
आपका
धनंजय सिंह खींवसर