रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश- इक्कतीसवाँ
भाजपा स्थापना दिवस विशेष
संघर्ष को परिभाषित करता 2 से 303 सीट का सफर
आगमी 6 अप्रैल को भाजपा के स्थापना है। 1980 में स्थापना के साथ ही अपने अथक परिश्रम से भाजपा को सींचने वाले भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता और पदाधिकारी को स्थापना दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं। राष्ट्रवाद की आधारशिला पर खड़ी हुई भारतीय जनता पार्टी आज पूरे विश्व के समक्ष अपने मजबूत इरादों के साथ खड़ी है, 43 वर्ष पूर्व जिस विचारधारा का बीजारोपण किया था आज वह एक वट वृक्ष का रूप ले चुका है।
भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में खड़ी है,लेकिन इसे इस स्थान तक पहुंचने में कई संघर्षशील कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन समर्पित किया है। महज 2 लोकसभा सीटों से शुरुआत करने वाली भारतीय जनता पार्टी आज 303 के आंकड़े के साथ खड़ी है और लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाकर एक नया इतिहास कायम किया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और यही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ चलती है। भाजपा में ऐसे कई अवसर आए हैं जब पार्टी ने एक छोटे से कार्यकर्ता को शीर्ष पर बिठाकर एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया है।
2014 के बाद भारतीय जनता पार्टी में एक नया सूर्य उदय हुआ है। पिछले 9 वर्षों में पार्टी में कई आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिले हैं। युवा कार्यकर्ताओं को न केवल महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है बल्कि उन्हें सत्ता में भी बराबरी का मौका दिया गया है जिसके चलते कार्यकर्ताओं का भी पार्टी के प्रति विश्वास कायम हुआ है
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की जोड़ी ने आज पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी का जो मजबूत विस्तार स्थापित किया है, उसका मुख्य कारण कार्यकर्ताओं को उनकी शक्ति का एहसास करवाना और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
भारतीय जनता पार्टी केवल चुनाव लड़ने वाली पार्टी नहीं है बल्कि हर आपदा और विपरीत परिस्थितियों में जनता के साथ खड़ा होने वाली पार्टी है। आगजनी, बाढ़, भूकंप, कोविड काल जैसे कई विपरीत अवसर आए जब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत लगन और मेहनत के साथ मानव सेवा के लिए कार्य किया ।
भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आज हम सभी को आज यह संकल्प लेना चाहिए कि राष्ट्रवाद की आधारशिला पर खड़ी इस पार्टी की रीति और नीति को आत्मसात करने के साथ ही पूर्ण समर्पण, निष्ठा और मनोयोग से पार्टी को और अधिक मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
1.क्या आप भी मानते हैं कि भाजपा के 2 से 302 सीट तक पहुंचने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण था?
2. क्या 2014 के बाद भाजपा पार्टी के लिए एक नवीन सूर्य का उदय हुआ है?
हृदय की कलम से !
आपका
– धनंजय सिंह खींवसर