रविवार का सदुपयोग – अंश-अस्सीवाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश-अस्सीवाँ
 
सम्पूर्ण भारतवर्ष “मोदी” का परिवार है।
 
“वसुधैव कुटुंबकम्“
 
आचार्य विष्णु शर्मा की ओर से रचित पंचतंत्र नामक ग्रंथ से लिया गया। यह संदेश आज पूरे विश्व को भारत की अपनत्व की भावना से अवगत करा रहा है। हाल ही में संपन्न हुए जी-20 सम्मेलन की थीम भी “ वसुधैव कुटुंबकम् “ पर रखी गई जिसने पूरे विश्व का ध्यान भारत की ओर आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते है -” 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। जिनका कोई नहीं है, वो भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत ही मेरा परिवार है।’
 
“वसुधैव कुटुंबकम्“ का मूल अर्थ है पूरी दुनिया एक परिवार है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में देश की राजनीति में मोदी जी के परिवार को लेकर जिस तरह की ओछी बयानबाजी हुई है उसने वर्षो तक परिवारवाद का पोषण करने वाली विपक्षी पार्टियों के चरित्र को उजागर करने का काम किया है।
 
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जब लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करते हैं तो वे सबसे पहले ‘मेरे प्यारे परिवारजनों!’ से संबोधन की शुरुआत करते हैं। इसका सीधा सा अर्थ है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लिए देश की 140 करोड़ जनता उनका परिवार है। हाल ही में विपक्षी पार्टियों के नेताओ ने जिस तरह से प्रधानमंत्री जी पर उनके परिवार को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणियां की है, उससे पूरा देश आहत हुआ है। ऐसे कई अवसर आए हैं जब प्रधानमंत्री जी ने इस बात को सार्थक किया है कि उनके लिए देश की 140 करोड़ जनता उनका परिवार है।
 
कोविड की महामारी का हम सब ने मिलकर मुकाबला किया। उन परिस्थितियों में जब संपूर्ण विश्व निराशा के दौर से गुजर रहा था, उस समय भी प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। उन्होंने विभिन्न संकल्पों के माध्यम से देश की जनता को यह अहसास कराने का प्रयास किया कि इन विपरीत परिस्थितियों में भी हम एक दूसरे के साथ हैं और इसका लाभ यह हुआ कि जहां एक तरफ पूरा विश्व अभी भी कोरोना की महामारी के बाद आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है,वहीं हमारा देश एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है । पीएम मोदी जी ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है और उसमे भी उन्होने सभी से अपनी भागीदारी निभाने की अपील की है।
 
मोदी जी केवल दिखावे के लिए यह नहीं कहते कि पूरा देश ही उनका परिवार है। उन्होंने समय समय पर इस बात को चरितार्थ भी किया है। हम सब लोग अपने अपने परिवार के साथ होली-दिवाली के पर्व मनाते हैं, लेकिन मोदी जी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली दीपावली का पर्व सीमा पर जवानों के साथ मनाया था। उसके बाद से अब तक हर साल उन्होंने सीमा की चौकियों पर जवानों के साथ दिवाली मनाई है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने दस साल के कार्यकाल में 10 घंटे की भी छुट्टी नहीं ली है। वे अपना पूरा समय देश की जनता के लिए समर्पित कर रहे है।
 
वर्षों तक देश की सत्ता पर काबिज रही विपक्षी पार्टियों ने हमेशा देश को टुकड़ों में बांटने का काम किया है। अंग्रेजों ने भारत में शासन करने के लिए “फूट डालो राज करो” के सिद्धांत को अपनाया था और कुछ इसी तरह का सिद्धांत विपक्षी पार्टियों ने भी अपने शासनकाल में अपनाया। मोदी जी पर परिवारवाद को लेकर टिप्पणी करने वाले शायद यह भूल भूल जाते है कि इन पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र के नाम की कोई परंपरा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी एक दल नहीं बल्कि एक परिवार है और इस संगठन में काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति पूरे देश को अपना परिवार मानता है। इसी संगठन में एक छोटे से कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज राजनीतिक जीवन के शिखर पर पहुंचे हैं और यही कारण है कि वे पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं।
 
मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए यह गर्व का विषय है कि हम सभी प्रधानमंत्री मोदी जी के परिवार के सदस्य हैं और हमारे परिवार का मुखिया देश के 140 करोड लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर रहा है।
 
1. क्या आप भी मानते हैं कि देश की 140 करोड़ जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का परिवार है ?
 
2. क्या आप इस बात से सहमत है कि विपक्षी पार्टी ने हमेशा देश में बंटवारे की राजनीति की है?
 
हृदय की कलम से।
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर