रविवार का सदुपयोग – अंश : 122 वाँ


रविवार का सदुपयोग 

 
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
 
अंश : 122 वाँ 
 
राजस्थान के रणंजय क्रिकेटर कैलेंडर से वर्ष 2025 का स्वागत, अभिनंदन!!
 
आगामी वर्ष 2025 की पहली सुबह केवल एक नया दिन नहीं, बल्कि एक नई सोच और एक नई दृष्टि का आरंभ है। यह समय है बीते हुए वर्ष की उपलब्धियों को गर्व के साथ स्वीकारने और उसकी कमियों से सबक लेते हुए भविष्य को और बेहतर बनाने का। यह वह क्षण है जब हम अपने अतीत की अनमोल धरोहरों को सहेजते हुए नए सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
 
राजस्थान, जिसकी पहचान वीरता, संघर्ष और सांस्कृतिक समृद्धि से है केवल रणकौशल के लिए प्रसिद्ध नहीं है। यह धरती खेलों के प्रति अपने अपार प्रेम और अद्वितीय प्रतिभा के लिए भी जानी जाती है। चाहे इतिहास के पन्नों में झांकें या वर्तमान की ओर देखें, राजस्थान के खिलाड़ियों ने अपने जुझारूपन, समर्पण और कड़ी मेहनत से हर मैदान में अपना लोहा मनवाया है। यहां की माटी ने न केवल योद्धा बल्कि खेल के उन रणबांकुरों को भी जन्म दिया जिन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए प्रदेश का नाम रोशन किया। लेकिन यह भी एक सत्य है कि समय के साथ कुछ ऐसे नायक जिन्होंने क्रिकेट जैसे खेल में अपनी प्रतिभा से इतिहास रचा, विस्मृति के अंधेरे में खो गए। उनके संघर्षों और उपलब्धियों को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे पात्र थे। उनकी गाथाएं आज भी प्रेरणादायक हैं लेकिन उन्हें फिर से स्मरण करने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।
 
इस कमी को पूरा करने की दिशा में एक अभिनव प्रयास के रूप में वर्ष 2025 का यह विशेष कैलेंडर तैयार किया गया है। यह कैलेंडर केवल तिथियों का क्रम नहीं बल्कि राजस्थान के उन क्रिकेट योद्धाओं की जीवंत कहानियों का दस्तावेज है जिन्होंने मैदान पर अपनी प्रतिभा, अनुशासन और साहस से प्रदेश को गौरवान्वित किया। यह उन अनकहे और भूले-बिसरे नायकों का सादर स्मरण है जिन्होंने अपने खेल से साबित किया कि सफलता केवल जीतने में नहीं बल्कि हर परिस्थिति में डटे रहने और अपने सपनों को साकार करने के प्रयास में है।
 
राजस्थान के खेल इतिहास की बात करें तो यह केवल खेल की कहानी नहीं बल्कि संघर्ष, साहस और समर्पण की प्रेरणादायक गाथा है। यहां के क्रिकेट खिलाड़ियों ने हर गेंद, हर रन और हर विकेट के साथ न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया बल्कि राजस्थान की माटी की ताकत को भी दुनिया के सामने रखा। अपनी मेहनत और लगन ने यह साबित किया कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी बड़े सपने देखे जा सकते हैं और उन्हें साकार भी किया जा सकता है।
 
इस परंपरा को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए ‘खेलो मारवाड़’ जैसी योजनाएं एक मील का पत्थर साबित हो रही हैं। यह पहल उन युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास है जो प्रतिभाशाली तो हैं लेकिन संसाधनों की कमी के कारण अपनी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाते। इस परियोजना के तहत न केवल खेल सामग्री वितरित की जा रही है बल्कि मारवाड़ क्षेत्र में एक आधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना का कार्य भी अंतिम चरण में है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राजस्थान के खिलाड़ियों को वह मंच मिले, जिसके वे योग्य हैं, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
 
यह कैलेंडर और यह पहल हमें यह सिखाती है कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं है। यह अनुशासन, एकजुटता और संघर्ष की भावना को बढ़ावा देता है। यह हमें सिखाता है कि हार को किस तरह से आत्मसात कर अगली जीत की ओर बढ़ा जाए। राजस्थान के इन क्रिकेट नायकों की कहानियां केवल प्रेरणादायक नहीं बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि खेल के माध्यम से समाज और संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है।
 
नव वर्ष 2025 के इस पावन अवसर पर यह जरूरी है कि हम अपने अतीत की इन गौरवशाली कहानियों को संजोएं और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाएं। यह समय है कि हम उन खिलाड़ियों का सम्मान करें जिन्होंने अपने खेल और संघर्ष से हमें सिखाया कि असली जीत केवल परिणाम में नहीं, बल्कि हर प्रयास में छिपी होती है।
 
आइए, इस नए साल पर हम यह प्रण लें कि राजस्थान के इन खेल नायकों की कहानियों को न केवल कागजों पर, बल्कि अपने दिलों में भी स्थान देंगे। उनका संघर्ष, उनका समर्पण और उनकी प्रेरणा हमें यह सिखाएगी कि सपने चाहे जितने भी बड़े हों, उन्हें हासिल करने की ताकत हमारे अंदर ही है। 
 
नव वर्ष का यह विशेष कैलेंडर, राजस्थान के इन क्रिकेट योद्धाओं को समर्पित है और यह हमारे खेल इतिहास की उस समृद्ध धरोहर को सहेजने का एक विनम्र प्रयास है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
 
आइए, इस नव वर्ष इन नायकों को स्मरण कर हम अपने प्रयासों से राजस्थान की खेल परंपरा को और मजबूत करें और इसे देश-दुनिया में पहचान दिलाएं। यह केवल हमारे प्रदेश की संस्कृति और गौरव को सहेजने का कार्य नहीं बल्कि यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां हर खेल प्रतिभा को उसका उचित सम्मान और अवसर मिले।
 
वर्ष 2025 की मंगलमय शुभकामनाओं के साथ, आइए इस प्रेरणादायक यात्रा का हिस्सा बनें।
 
जय हिंद
 
1. क्या आप मानते हैं कि राजस्थान के भूले-बिसरे खेल नायकों की प्रेरक गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और उन्हें सम्मान देना हमारी सांस्कृतिक और खेल परंपरा को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है?
 
2. क्या आप मानते हैं कि यह कैलेंडर राजस्थान के क्रिकेट नायकों से जुड़े आंकड़ों और उनकी उपलब्धियों को संरक्षित कर न केवल स्मृतियों को सहेजने में बल्कि नई पीढ़ी को प्रेरित करने में भी सहायक हो सकता है?
 
जय हिंद
 
हृदय की कलम से
 
आपका 
धनंजय सिंह खींवसर