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साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश-बहत्तरवाँ
कांग्रेस द्वारा राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार करना करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात
आज जब पूरा देश निम्न लिखित पंक्तियों पर खुशी पर झूम रहा हैं तब हिंदू विरोधी कांग्रेस अपने रंग दिखाने से बाज नहीं आ रहीं कांग्रेस द्वारा राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार कर करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात है। जिस कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को मानने से मना कर दिया था और जिस राम को काल्पनिक बताया था उससे रामकाज में कुछ भी आशा करना बेफकूफी है।
राम आएँगे तो,आंगना सजाऊँगी….
दिप जलाके, दिवाली मनाऊँगी….
मेरे जन्मो के सारे,पाप मिट जाएंगे,…
राम आएँगे,…..
मेरी झोपडी के भाग,आज खुल जाएंगे,..
राम आएँगे…..।
इन दिनों ये पंक्तियां हर गली मोहल्ले में सुनी जा सकती हैं। सदियों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद जब प्रभु श्री रामचंद्र जी अपने गर्भ गृह में विराजमान हो रहे हैं, तो हर कोई अपने घर को पुष्प व दीपक से सजाकर अपनी खुशियों को प्रकट कर रहा है और 3 महीने बाद ही पूरे देश में दूसरी बार दीपावली का पर्व मनाने की तैयारी की जा रही है। 500 वर्षों के लंबी प्रतीक्षा तथा करोड़ों राम भक्तों के संघर्ष और बलिदान के बाद 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री रामचंद्र जी अयोध्या में अपने गर्भगृह में विराज रहे हैं। अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से हो रही है। न केवल अयोध्यावासी बल्कि पूरा देश उस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है और हर कोई उस क्षण का साक्षी बनना चाहता है।
22 जनवरी को देश के सभी मंदिरों में राम भक्त भव्य सजावट करेंगे और हर घर में दीप प्रज्ज्वलन कर प्रभु श्री राम के गर्भ ग्रह में विराजने का जश्न मनाया जाएगा, लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के निमंत्रण पत्र को अस्वीकार कर कांग्रेस ने एक बार फिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य किया है। हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली रामद्रोही कांग्रेस ने हर बार की तरह इस बार भी अपना दोहरा चरित्र उजागर किया है। पूरा देश इन दिनों राम प्रभु श्री राम की भक्ति में डूबा हुआ नजर आ रहा है। छोटे से छोटे गांव, कस्बे , शहर, मोहल्ले में प्रभु श्री राम के घर लौटने का उत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी हो रही है। करोड़ों देशवासी भले ही उसे दिन इस महोत्सव में शिरकत करने के लिए अयोध्या ना जा पाए, लेकिन प्रभु श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का सीधा प्रसारण देखने के लिए भी सभी लालायित हो रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों के बीच कांग्रेस नेताओं ने निमंत्रण पत्र को ठुकरा कर देश की बहुसंख्यक आबादी की आस्था पर कुठाराघात करने का काम किया है।
प्रभु श्री राम जी ने जब रावण का वध किया, तब उसके बाद रावण की पत्नी मंदोदरी ने कहा था कि..
“राम विमुख अस हाल तुम्हारा, रहा न कुल कोऊ रोवन हारा।”
अर्थात् श्रीरामचंद्रजी के विमुख होने से तुम्हारी ऐसी दुर्दशा हुई कि आज कुल में कोई रोने वाला भी नहीं रह गया।
कुछ इसी तरह का हश्र कांग्रेस पार्टी का होने वाला है। कभी पूरे देश की सत्ता पर एकाधिकार जमाए रखने वाली कांग्रेस आज विपक्षी पार्टी का भी दर्जा हासिल नहीं कर पा रही है। हालत यह है कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद भी कांग्रेस को अपना अस्तित्व को बचाए रखने के लिए छोटे-छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करना पड़ रहा है। अपने वोट बैंक को बचाए रखने के लिए कांग्रेस हमेशा से ही बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करती आई है। इस बार पुनः कांग्रेस पार्टी ने प्रभु श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा कर ओछी मानसिकता का परिचय दिया है।
कांग्रेस की ओर से हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का यह पहला मामला नहीं है। कांग्रेस के कई बड़े नेता आए दिन इसी तरह हिंदू देवी देवताओं के लिए अपमानजनक भाषा का उपयोग करते रहे है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब इसी कांग्रेस पार्टी ने राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। कांग्रेस पार्टी के समर्थित केंद्र सरकार ने प्रभु श्री राम के अस्तित्व को नकारने के लिए वकीलों की एक बड़ी फौज खड़ी कर दी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जन-जन के आराध्य प्रभु राम जी को काल्पनिक बता दिया था तथा राम सेतु को तोड़ने की तैयारी कर ली थी।
कांग्रेस और उनके सहयोगी दल सनातन को खत्म करने की बात करते हैं। उनके लिए सनातन धर्म कोरोना , कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है। अब तक प्रधानमंत्री श्रीमान् नरेंद्र मोदी जी का विरोध करने वाली कांग्रेस और उनके सहयोगी पार्टी हिंदू धर्म और उनकी आस्था का विरोध करने लगी है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस के लिए राम मंदिर केवल एक भवन हो सकता है लेकिन हमारे जैसे करोड़ों हिंदुओं के लिए वह सबसे बड़ा तीर्थ स्थल बन रहा है।
हम सभी बहुत ही सौभाग्यशाली है कि हमें इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। 22 जनवरी को जब प्रभु श्री राम जी अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तब एक बार फिर न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी भारतवंशी समुदाय द्वारा दीपावली मनाई जाएगी।
श्री राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जिस तेजी के साथ मंदिर निर्माण के प्रथम चरण का कार्य पूरा हुआ वह भारतीय जनता पार्टी की राम मंदिर निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भाजपा पर विपक्षी पार्टियां मंदिर निर्माण की तिथि नहीं बताने का आरोप लगाती थी, लेकिन अब जब 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्धारित हो चुका है, तो कांग्रेस इस सत्य को पचा नहीं पा रही है।
भले ही देश की सभी विपक्षी पार्टी श्री नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ एक जुट हो गई हो लेकिन इन सभी से दूर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी रामकाज को पूरा करने में लगे हैं। शायद उन्होंने सुंदरकांड की इस चौपाई को आत्मसात कर लिया है…
“हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम,
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।”
अर्थात् राम काज को पूरा किए बिना वह विश्राम नहीं कर सकते हैं।
एक बार फिर आप सभी को प्रभु श्री राम मंदिर निर्माण की हार्दिक शुभकामनाएं। आईए, हम सभी 22 जनवरी 2024 को अपने-अपने घरों में दीपोत्सव मनाकर इस अवसर को ऐतिहासिक बनाएं।
1- क्या आप मानते है कांग्रेस हिंदू विरोधी है?
2- क्या कांग्रेस हमेशा हिंदुओं की आस्था पर ठेस पहुंचती हुई आई है?
हृदय की कलम से!
आपका –
धनंजय सिंह खींवसर