रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश-तरेसठवाँ
इस दीपोत्सव मतदान के संकल्प के साथ वोकल फॉर लोकल बनें
समस्त देश-प्रदेश वासियों, खींवसर के परिवारजनों को प्रकाश एवं हर्षोल्लास के महापर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..! दीपावली का यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व खुशियां लाए तथा मां महालक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश जी की असीम कृपा सदैव आप पर बनी रहे।
दीपोत्सव का यह महापर्व इस बार कई मायनों में विशेष है। सदियों की लंबी प्रतीक्षा और करोड़ों रामभक्तों के संघर्षों के बाद अगले वर्ष 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीरामचन्द्र जी अपने जन्मस्थान अयोध्या जी में अपने भव्य एवं दिव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे, तब पूरा देश एक बार पुनः दीपोत्सव मनाएगा। प्रभु की कृपा से यह हम सभी का परम् सौभाग्य होगा कि हम इस बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।
दीपावली आपस में खुशियों को बांटने का त्यौहार है। हर्ष-उल्लास के इस महापर्व में हमारे आस-पास कोई भी परिवार खुशियां मानने से वंचित न रह जाए, हमें इसका भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। आईए, इस दीपावली हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “वोकल फॉर लोकल” के संदेश को आत्मसात करें। जहां तक संभव हो सके अपने आसपास रहने वाले छोटे दुकानदारों, रेहड़ी-पटरी वाले, स्थानीय कारीगरों तथा शिल्पकारों से खरीददारी करें ताकि इस दीपावली उनके घरों में भी खुशियों के दीप जलाए जा सकें।
दीपावली की अनंत शुभकामनाओं के साथ ही मैं आप सभी को लोकतंत्र के महापर्व मतदान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का आग्रह करता हूं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है और इस लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी हैं। किसी भी राष्ट्र का लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब उस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी होगी। जिस तरह से हम सभी होली, दीपावली, रक्षाबंधन जैसे त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, उसी तरह हमें लोकतंत्र के इस महापर्व को भी पूरे जोश और उत्साह के साथ मानने की आवश्यकता है।
‘मतदान’ लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल आधार है। यह संविधान द्वारा अपने नागरिकों को प्रदत्त एक ऐसी शक्ति है, जिसके माध्यम से आम नागरिक लोकतांत्रिक सरकार के गठन में अपनी भूमिका निभाते हैं। इस अधिकार का प्रयोग कर हम अपने समाज और देश के भविष्य का निर्धारण करते हैं। भारतीय संविधान में हर व्यक्ति चाहे वो गरीब हो या अमीर, सभी को एक मत देने का अधिकार प्राप्त है।
आने वाले 25 नवंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पूरे राज्य में मतदान होगा। मतदान का यह दिवस एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए बहुत ही खास होता है। यह वह दिन होता है जब मतदान के माध्यम से जनता अपने जनप्रतिनिधि व सरकार का मूल्यांकन कर अपना निर्णय वोट के रूप में देती है। आमतौर पर देखा जाता है कि समाज में कुछ लोग मतदान दिवस को अवकाश के रूप में मनाते हैं और अपने मताधिकार के प्रयोग को लेकर कहीं ना कहीं उदासीन रहते हैं। लेकिन शायद उन्हें इस बात का आभास भी नहीं है कि अपने मताधिकार का प्रयोग न कर वह अपने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में धकेलने का काम कर रहे हैं। जिस तरह हम अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर शादी-विवाह, जन्मदिन आदि में कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर अपना समाजिक व पारिवारिक दायित्व निभाते हैं, उसी तरह लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग लेकर हमें अपने राष्ट्रीय दायित्व को निभाने की आवश्यकता है। जिस दिन देश का हर नागरिक अपने मताधिकार के प्रति जागरूक हो जाएगा, उस दिन देश में एक नई क्रांति का सूत्रपात होगा।
मैं आप सभी को दीपावली के बाद आगामी 25 नवंबर को लोकतंत्र के महापर्व राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 के मतदान-पर्व में भागीदारी निभाने के लिए सादर आमंत्रित करता हूं। अपने अमूल्य मत का प्रयोग कर एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में हम अपनी सहभागिता निभा सकते हैं।
आईए, हम सभी मिलकर एक ऐसी मजबूत, सशक्त व स्थायी सरकार और योग्य जनप्रतिनिधि को चुनें जो न केवल हमारे वर्तमान चुनौतियों व समस्याओं के निस्तारण का प्रयास करे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक बेहतर वातावरण का निर्माण करे।
अंत में कुछ प्रश्नों के साथ मैं इस ब्लॉग का समापन कर रहा हूं…
1. क्या आप भी मानते हैं कि लोकतंत्र में शत प्रतिशत जन-भागीदारी होना आवश्यक है?
2. क्या आप भी मानते हैं कि अन्य त्योहारों की तरह लोकतंत्र में मतदान भी एक बड़ा पर्व है?
हृदय की कलम से !
आपका
– धनंजय सिंह खींवसर