रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश- चंवालिसवाँ
युवा के वोट का महत्व
मुझे खुशी है की युवाओं का एक बड़ा वर्ग आज देश का समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ वोटर बन चुका है। आज का युवा सभी वस्तुओं को परे रख “देश प्रथम” की अवधारणा के साथ अपने मत का प्रयोग करता है लेकिन कुछ युवाओं को राजनेता आज भी अपने निजी स्वार्थ के चलते बरगलाने और कुत्सित राजनीति के लिए उपयोग में लेते है, लेकिन अब बदलाव के इस दौर में धीरे धीरे ऐसे सभी युवाओं का भी मन विकास की तरफ आकर्षित होने लगा है और वह जातपात जैसे सभी घटकों को पीछे छोड़ देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने लगे है।
कहा जाता है कि जिस दिशा में युवा चल पड़ता है उस दिशा में पूरा देश चलता है। ऐसे में किसी भी देश के विकास की गति और परिकल्पना वहां के युवाओं की सोच पर निर्भर करती है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदाता सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। आने वाले दिनों में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और देश के लोकसभा चुनाव में यह युवा मतदाता जब विकास की राजनीति को अपनाते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से वह एक मजबूत सरकार चुन सकेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में यदि हम युवा मतदाताओं के मतदान ट्रेंड पर नजर डाले तो हम देखेंगे कि जहां-जहां भी युवा मतदाताओं ने विकास की सोच के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया है , वहां विकास के नए आयाम स्थापित हुई हैं। वहां के जनप्रतिनिधियों और सरकारों ने बेहतरीन काम किया है। लोकतंत्र में मत “सुप्रीम पवार” है और जिस दिन सभी युवाओं ने अपनी इस “सुप्रीम ताकत” को पहचान लिया, उस दिन देश के विकास को पंख लगेंगे।
आज देश के युवाओं ने अपनी प्रतिभा के दम पर विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है, वही इस देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के साथ ही देश की प्रगति में युवाओं का एक अहम योगदान रहा है। किसी भी देश और प्रदेश में जब एक मजबूत, स्थाई और ईमानदार सरकार चुनी जाती है तो उस देश और प्रदेश का विकास उतनी ही तीव्र गति से होता है। ऐसे में आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव में युवा मतदाताओं को अपने मत की शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।
वर्तमान में ऐसी कई राजनीतिक पार्टियां और राजनेता है जो युवाओं को बरगलाने का प्रयास करती है। ऐसे राजनेताओं का एकमात्र उद्देश्य अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए युवाओं को जाति के आधार पर बांटकर अपना राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने का होता है।
आज युवाओं को विकास की राजनीति करने की आवश्यकता है। आजादी के इस अमृत महोत्सव में देश एक बार फिर विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। नए भारत के निर्माण में युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में नव मतदाता युवाओं को अपने मत की शक्ति को पहचानना होगा। जातिवाद की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर विकास की राजनीति को अपनाना होगा और ऐसे जनप्रतिनिधियों को समर्थन करना होगा जो क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की सोच रखें।
क्षेत्रवासियों में आपसी भाईचारा बनाए रखें और सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ कार्य करें।
1. क्या आप भी मानते हैं कि युवा मतदाता देश के उज्जवल भविष्य की उम्मीद है ?
2. क्या युवाओं को विकास की राजनीति के आधार पर मतदान करने की आवश्यकता है ?
हृदय की कलम से !
आपका
– धनंजय सिंह खींवसर