रविवार का सदुपयोग
साप्ताहिक सूक्ष्म ब्लॉग | संवाद से परिवर्तन का प्रयास
अंश – उनसठवाँ
लोकतंत्र के महोत्सव में भागीदारी से बदलेगी राजस्थान की तस्वीर
भारत त्योहारों और पर्वों का देश है और यहां की त्यौहार की संस्कृति हर किसी को अपनी और आकर्षित करती है। इन्हीं पर्व में से एक सबसे महत्वपूर्ण पर्व है लोकतंत्र का पर्व। लोकतंत्र के इस पर्व का शंखनाद हो चुका है और आगामी 25 नवंबर को प्रदेश के भविष्य का फैसला होगा। लोकतंत्र के इस महापर्व में हम सभी अग्रणी भूमिका में रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो निश्चित रूप से हम एक सशक्त और मजबूत सरकार बन सकेंगे और प्रदेश के विकास को भी गति मिल सकेगी।
लोकतंत्र के इस पर्व पर अपनी भागीदारी निभाने के साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस बार आपका मत आपके क्षेत्र, आपके प्रदेश और देश के विकास को समर्पित हो। अब तक लोकतंत्र में परिवारवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद के आधार पर मतदान करने के कई उदाहरण मिल जाएंगे लेकिन इस बार हम सभी को सामूहिक रूप से यह विचार करना होगा। यह मत केवल आपके जन प्रतिनिधि के चयन के लिए नहीं है , बल्कि आपके आसपास के क्षेत्र, आपके प्रदेश और आपके विकास के भविष्य की दिशा और दशा भी तय करने वाला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की जनता ने विकास के लिए मतदान किया और उसके सकारात्मक परिणाम भी पूरे देश की जनता ने देखा है। आज हमारा देश मजबूती के साथ विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। न केवल देश बल्कि पूरे विश्व में भारत आज अपनी एक मजबूत पहचान बन चुका है। पूरा विश्व भारत की तरफ उम्मीद की निगाहों से देख रहा है और यह सभी संभव हुआ आपका एक मत के कारण।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। यूं तो हम हर पर्व को हर्षोल्लाह के साथ मनाते रहे हैं , लेकिन लोकतंत्र के इस पर्व के प्रति हम सभी को बेहतर तरीके से भागीदारी निभाने की आवश्यकता है। हम हमेशा अपने अन्य सभी अधिकारों के प्रति तो सजग रहते हैं लेकिन मताधिकार के प्रति अभी भी कई लोग इसके प्रति गंभीर नहीं है। आपका एक मत आपके और आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। आपके मत से चुनी हुई सरकार आपके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने , प्रदेश के विकास की कार्य योजना तैयार करने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती है। ऐसे में हम सभी की भी भागीदारी इसमें सुनिश्चित होना आवश्यक है।
चुनाव आयोग ने पहले 23 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित की थी, लेकिन 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी होने के कारण चुनाव आयोग ने भी हमारी भावनाओं को समझा और चुनाव की तिथि को दो दिन आगे सरकते हुए 25 नवंबर को मतदान की तिथि निर्धारित की है। अब हमारी बारी है। हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि केवल हम नही बल्कि पूरा परिवार और हमारे आसपास रहने वाले सभी व्यक्तियों को मताधिकार के प्रति जागरूक करें।
इस बार चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कई अभिनव प्रयोग किए हैं। 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 40% से अधिक दिव्यांगजनों को घर पर वोटिंग करवाने की व्यवस्था की जा रही है । ऐसे बुजुर्ग जो चलने फिरने या उठने में असक्षम है , उनके लिए इस बार घर बैठे ही मतदान करवाने की व्यवस्था की गई है। युवाओं को मतदान के प्रति आकर्षित करने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर स्वीप गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियों भी अपनी ओर से मतदान प्रतिशत को बढ़ाने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन जब तक हम स्वयं आगे जाकर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी नहीं निभाएंगे तब तक हम प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी नहीं निभा सकते हैं।
कई बार लोग सोचते हैं कि उनके मत देने या ना देने से क्या फर्क पड़ने वाला है , लेकिन हमने इतिहास में ऐसे कई उदाहरण देखें हैं जहां प्रत्याशियों को एक वोट से पराजय का सामना करना पड़ा है। इसलिए हर वोट का महत्व है और हम सभी को इस महत्व को पहचाना नहीं की आवश्यकता है।
हमारे देश के लोकतंत्र की यह सबसे बेहद खूबसूरत तस्वीर है कि हमें संविधान में मत देने का अधिकार दिया गया है। देश में रहने वाले बड़े से बड़े व्यक्ति को भी केवल एक वोट का अधिकार है तो गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले को भी एक मत देने का अधिकार दिया गया है। इसलिए लिए हम सभी यह संकल्प ले की आने वाले 25 नवंबर को लोकतंत्र के इस महायज्ञ में हम भी अपनी आहुति देंगे और प्रदेश को विकास की दिशा में गतिमान करने वाली और हमारे सपनों का राजस्थान बनाने वाली सशक्त सरकार का निर्माण करेंगे
इस पुनीत अवसर पर मैं मेरी मातृ भूमि खींवसर के सभी मतदाताओं से विनम्र आग्रह करता हूं कि इस बार आपका मतदान खींवसर के सर्वांगीण विकास के लिए हो। आपका मतदान खींवसर क्षेत्र के विकास के लिए ,यहां की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, युवाओं के रोजगार के लिए और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए होना चाहिए। क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए आप ऐसे व्यक्ति एवं संगठन का चयन करें जो जातिवाद ,परिवारवाद की बजाय केवल क्षेत्र के विकास की बात करें , ताकि हम सभी मिलकर खींवसर को अग्रणी बनाने में अपनी सामूहिक भागीदारी निभा सके।
1. क्या आप भी मानते हैं कि अभी कई लोग अपने मताधिकार को लेकर जागरूक नहीं है ?
2. क्या आप भी मानते हैं कि लोकतंत्र के इस पर्व में हर एक मत की महत्वता है ?
हृदय की कलम से !
आपका
– धनंजय सिंह खींवसर