हमारी गायों की रक्षा

 

साथियों, भारत में गाय केवल एक घरेलू पशु नहीं है बल्कि उसे माता और भगवान का स्थान दिया गया है। हिन्दुओं का मानना है कि गाय में उनके सभी 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है।
गाय की पूजा हमारी विचारधारा, संस्कृति और धर्म का हिस्सा है। एक गाय अपने पूरे जीवन काल में 450 मनुष्यों को दूध और अन्य उत्पाद प्रदान करती है। इसके बावजूद कुछ लोगों के फायदे के लिए गोहत्या को जारी रखना कितना सही है। क्या आपको नहीं लगता कि पैसे के लिए बूचड़खानों को गाय बेचने वालों को कठोर आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।
जब हम गाय को उसकी बाल्यावस्था में पूजते हैं, तो हममें से बहुत से लोग उसे बूढ़ी होने पर क्यों भटकने के लिए छोड़ देते हैं। क्या हम किसी और माँ के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करेंगे। भगवान कृष्ण भी गाय चराने वाले थे, फिर हम भी उनके अनुयायियों के रूप में गायों की सुरक्षा सर्वोत्तम तरीके से क्यों नहीं कर सकते।
इन मूक जानवरों की रक्षा करना न केवल हमारी जिम्मेदारी है बल्कि राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य भी है। मुझे खुशी और गर्व है कि राजस्थान सरकार ने ओटाराम देवासी जी को गौ रक्षा एवं कल्याण मंत्री नियुक्त किया है। मुझे उम्मीद है कि भारत के अन्य राज्य भी इस प्रथा को अपनाएंगे।

 

– धनंजय सिंह खींवसर