महाराजा गज सिंह शिक्षा संस्थान- राजपूत प्रतिभा सम्मान समारोह

धनंजय सिंह खींवसर ने अपने संबोधन की शुरुआत ओसियां के लोगों को उनके बच्चों की शैक्षिक सफलता के लिए बधाई देकर की। उन्होंने माता-पिता से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का अनुरोध किया और वादा किया कि सरकार हर पंचायत में स्कूल खोलने की पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने छोटे बच्चों के लिए शिक्षा के मूल्य पर जोर दिया क्योंकि वही भारत के भविष्य को आकार देंगे। धनंजय ने प्राचीन काल के उदाहरणों को जैसे हमारी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली, वेदों का हमारा ज्ञान, योग और अन्य विज्ञानों के ज्ञान के बारे में बताते हुए कहा कि यूरोपीय लोगों द्वारा इसकी सराहना की जाती थी।

वह जो बात कहने की कोशिश कर रहे थे, वह यह थी कि भारत एक बार फिर ज्ञान के शिखर पर पहुंचेगा, जब नागरिक अपने संसाधनों का निवेश शिक्षा में करेंगे। शिक्षित देश स्वतरू ही स्वच्छ रहेगा, महिलाओं का स्वतरू ही सम्मान होगा और समृद्धि स्वत: आएगी। इस प्रकार शिक्षा हमारे राष्ट्र के विकास का आधार है। धनंजय ने महाराज गज सिंह जी को शिक्षा संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए सम्मानपूर्वक बधाई देते हुए अपना भाषण समाप्त किया और मारवाड़ के अन्य वरिष्ठों से आग्रह किया कि उन्हें भी इसी तरह की गतिविधियों को बच्चों, युवाओं और महिलाओं को लक्षित करके शुरू करना चाहिए।