दोस्तों भगवत गीता को मैंने कई बार पढ़ा है लेकिन यह मुझे हर बार प्रेरणा देती है, मुझे हर बार एक नया अर्थ मिलता है। जन्म के समय आप क्या लाए थे, जो आपने खो दिया है। तुमने क्या पैदा किया, जो नष्ट हो गया। जब आप पैदा हुए थे तब आप कुछ भी नहीं लाए थे। आपके पास जो कुछ भी है, वह आपको इस धरती पर रहते हुए ही ईश्वर से प्राप्त हुआ है। आप जो भी देंगे, भगवान को देंगे। इस दुनिया में हर कोई खाली हाथ आया है और उसी तरह जाएगा। सब कुछ भगवान का ही है।
अतीत में जो हुआ, अच्छे के लिए हुआ; जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है; भविष्य में जो होगा वह अच्छे के लिए ही होगा। अतीत के लिए मत रोओ, भविष्य की चिंता मत करो, अपने वर्तमान जीवन पर ध्यान दो।
भगवान श्री कृष्ण को ब्रह्माण्ड का पहला गुरु कहना बिलकुल उचित होगा।
धनंजय सिंह खींवसर